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May
भारतवर्ष में जब-जब चिकित्सा और आरोग्यता की बात होती है, तब-तब भगवान धन्वंतरि का स्मरण स्वाभाविक हो जाता है। उन्हें आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा विज्ञान के अधिष्ठाता माना जाता है। Dhanvantri Slokam एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है जो न केवल रोगों से रक्षा करता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। इस लेख में हम आपको इस श्लोक की विधि, लाभ और इसके गूढ़ अर्थ के बारे में विस्तार से बताएंगे। Slokam ध्यानं अच्युतानन्त गोविन्द विष्णो नारायणामृतरोगान्मे नाशयाशेषानाशु धन्वन्तरे हरे॥आरोग्यं दीर्घमायुष्यं बलं तेजो धियं श्रियंस्वभक्तेभ्योऽनुगृह्णन्तं वन्दे धन्वन्तरिं हरिम् ॥१॥ शङ्खं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्भिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौळिमम्बोजनेत्रम्॥कालाम्भोदोज्ज्वलाङ्गं…