मुंबई नौका हादसे में तलाशी अभियान जारी

मुंबई नौका हादसे में तलाशी अभियान जारी
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मुंबई में हुए नौका हादसे में लापता सात वर्षीय बच्चे की तलाश अब भी जारी है। नौसेना की नौकाओं ने शनिवार को भी पूरे जोर-शोर से तलाशी अभियान चलाया। एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान शनिवार शाम तक जारी रहेगा। गुरुवार को हादसे में लापता 43 वर्षीय व्यक्ति का शव बरामद हुआ, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई। यह दुर्घटना 18 दिसंबर को हुई थी और इसे मुंबई बंदरगाह क्षेत्र की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है।

क्षमता से अधिक यात्रियों के कारण हुआ हादसा


महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड (एमएमबी) द्वारा जारी दस्तावेजों के अनुसार, नौका में अधिकतम 84 यात्रियों और चालक दल के 6 सदस्यों को ले जाने की अनुमति थी। हालांकि, हादसे के समय नौका क्षमता से अधिक भरी हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि यह नौका गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जा रही थी, जो अपने प्राचीन गुफाओं के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है।

नौसेना और तटरक्षक बल का राहत कार्य


लापता लोगों की तलाश में नौसेना का एक हेलीकॉप्टर और नौसेना व तटरक्षक बल की कई नौकाएं लगातार काम कर रही हैं। घटना के दौरान, नौसेना की एक तेज रफ्तार नौका, जो इंजन परीक्षण के दौर से गुजर रही थी, ने नियंत्रण खो दिया और यात्री नौका ‘नील कमल’ से टकरा गई। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई और दो घायल हुए। कुल 98 लोगों को बचा लिया गया।

दुर्घटना की जांच और कानूनी कार्रवाई


दुर्घटना की जांच महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड (एमएमबी) कर रहा है। एमएमबी ने अंतर्देशीय पोत अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए नौका का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके अलावा, कोलाबा पुलिस स्टेशन में नौसेना के नाव चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में लापरवाही से मौत, दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने, और जहाज को लापरवाही से चलाने जैसी धाराएं शामिल की गई हैं।

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तेज रफ्तार नौका से हुआ हादसा


अधिकारियों के अनुसार, नौसेना की तेज रफ्तार नौका पर कुल 6 लोग सवार थे, जिनमें से 2 को बचा लिया गया। यह नौका परीक्षण के दौरान नियंत्रण खो बैठी और यात्री नौका से टकरा गई। घटना के बाद, दुर्घटनाग्रस्त नौका को नौसेना के कब्जे में रखा गया है। पुलिस ने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो वे नौसेना से नौका को जांच के लिए मांग सकते हैं।

नौका हादसे के सबक


इस घटना ने समुद्री यात्रा में सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की क्षमता से अधिक भार लेना और सुरक्षा नियमों की अनदेखी करना इस हादसे की प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है।

पर्यटन स्थल पर हादसे की छाया


हादसा उस वक्त हुआ, जब पर्यटकों से भरी नौका एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी। यह द्वीप अपनी ऐतिहासिक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है और बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं। हादसे के बाद से पर्यटन उद्योग पर भी इसका असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।