हरियाणा के जींद शहर में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली देशी घी बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान टीम ने 1925 किलो नकली घी और 1405 लीटर तेल बरामद किया, जो विभिन्न मशहूर ब्रांड्स के लेबल के साथ पैक किया जा रहा था। इस घी और तेल को रंग और केमिकल मिलाकर तैयार किया जा रहा था, जिसमें सोडियम लॉरेथ सल्फेट (Sodium laureth sulfate) नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा था। यह सब असली घी की नकल बनाने के लिए किया जा रहा था, जिससे उसकी गुणवत्ता और स्वाद में बड़ा फर्क आ रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने गोदाम को सील कर दिया है और मामले की जांच जारी है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई
यह पहला मामला नहीं है जब नकली घी का पर्दाफाश हुआ हो। भारत में इस तरह के मिलावटी उत्पादों के निर्माण और बिक्री के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। दूध, घी, तेल, पनीर जैसी खाद्य सामग्रियों में मिलावट की खबरें आए दिन सुनने को मिलती हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती हैं। नकली घी के सेवन से न केवल गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, बल्कि यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
सस्ते तेल और वनस्पति घी से मिलाकर बनाई जाती है नकली घी
नकली घी बनाने के लिए अक्सर सस्ते वनस्पति तेल और वनस्पति घी का इस्तेमाल किया जाता है। इसे असली घी के साथ मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाई जाती है। यह तरीका न केवल घी की कीमत कम करता है, बल्कि इसे अधिक लाभकारी बनाता है। लेकिन इस मिलावट से घी की गुणवत्ता में बहुत अंतर आता है और स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। खासकर, इसमें मौजूद हानिकारक तत्वों के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग, मोटापा और धमनियों में रुकावट जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
नकली घी के सेवन से होने वाले नुकसान
मिलावटी घी का सेवन लंबे समय तक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। नकली घी में मिलाए गए केमिकल्स और सस्ते तेलों के कारण शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनमें से सबसे सामान्य समस्याएं हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन हैं। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि मिलावटी घी से रक्तदाब बढ़ सकता है और शरीर के अंगों में समुचित रक्त प्रवाह में रुकावट उत्पन्न हो सकती है।
असली घी की पहचान कैसे करें?
अब सवाल यह उठता है कि कैसे पता करें कि जो घी आप खा रहे हैं वह असली है या नकली? भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने शुद्ध घी की पहचान के लिए कुछ खास टिप्स दिए हैं:
- पानी में टेस्ट करें: असली घी पानी में आसानी से घुल जाता है, जबकि नकली घी पानी में नहीं घुलता। एक छोटी सी मात्रा पानी में डालकर देख सकते हैं।
- सुगंध का ध्यान रखें: असली घी की खुशबू ताजगी और शुद्धता की होती है, जबकि नकली घी में केमिकल्स की गंध आ सकती है।
- स्वाद में फर्क: असली घी का स्वाद शुद्ध और मलाईदार होता है, जबकि नकली घी में किसी तरह का तेल या रासायनिक स्वाद महसूस हो सकता है।
- घी का रंग: असली घी का रंग हल्का पीला होता है, जबकि नकली घी का रंग अधिक चमकीला हो सकता है, जो मिलावट को दर्शाता है।
- ठोस घी टेस्ट: जब आप घी को ठंडा करते हैं तो असली घी में थोड़ी सी गाढ़ाई आती है, जबकि नकली घी में यह गाढ़ाई नहीं होती।
मिलावटी घी से बचने के उपाय
घी और अन्य खाद्य उत्पादों में मिलावट से बचने के लिए, सबसे बेहतर तरीका है प्रमाणित ब्रांड्स का ही चयन करना। FSSAI द्वारा अनुमोदित उत्पाद खरीदें और उन ब्रांड्स से घी खरीदें जो शुद्धता और गुणवत्ता का प्रमाणपत्र देते हों। इसके अलावा, घर में घी बनाने की प्रक्रिया अपनाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे आप अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए शुद्ध घी का सेवन कर सकते हैं।