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आज 25 दिसंबर, 2024, मध्य प्रदेश के खजुराहो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। यह परियोजना न केवल मध्य प्रदेश बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए भी ऐतिहासिक महत्व रखती है। इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र में जल संकट को दूर करना और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना है।
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हालांकि, इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले सुरक्षा में गंभीर चूक की खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही से जुड़े मामले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना?
केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत की पहली नदी जोड़ परियोजना है, जिसे केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना के रूप में देखा जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य केन नदी के अतिरिक्त जल को बेतवा नदी में स्थानांतरित करना है, जिससे बुंदेलखंड के जल संकट को हल किया जा सके। यह परियोजना लगभग 44,605 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी।
इसके तहत एक डैम का निर्माण और लगभग 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी, 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा और 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा में चूक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर खजुराहो में एक बड़ी चूक सामने आई है। कार्यक्रम के लिए मीडियाकर्मियों को जारी किए गए पहचान पत्र में भारी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इन पहचान पत्रों पर पहले से ही कलेक्टर की सील और हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद ऊपर से मीडियाकर्मियों की तस्वीर चिपका दी गई। इस प्रक्रिया में किसी भी पहचान पत्र पर तस्वीर के ऊपर कोई सील या हस्ताक्षर नहीं हैं।
इससे यह आशंका उत्पन्न हो गई है कि कोई भी व्यक्ति अपनी तस्वीर लगाकर कार्यक्रम में प्रवेश कर सकता है। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
प्रशासन की सफाई
सुरक्षा में चूक को लेकर जब प्रशासन से सवाल किया गया, तो अधिकारियों ने इसे मानवीय त्रुटि बताया। कलेक्टर कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह गलती जल्दबाजी में हुई है और इसे तुरंत सुधारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सभी पहचान पत्रों की फिर से जांच की जा रही है और नए पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस मामले पर विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, “प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इस तरह की चूक बेहद गंभीर मामला है। इससे प्रशासन की लापरवाही साफ झलकती है। इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।”
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इसे विपक्ष का राजनीतिक स्टंट करार दिया और कहा कि सरकार ने सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए हैं।
खजुराहो में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
खजुराहो में प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल, एसपीजी और स्थानीय पुलिस के जवान पूरे क्षेत्र में तैनात हैं। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा की तीन स्तरीय घेरा बनाया गया है। इसके अलावा, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है।
केन-बेतवा परियोजना का महत्व
केन-बेतवा लिंक परियोजना का महत्व न केवल बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए है। इस क्षेत्र में हर साल जल संकट की समस्या रहती है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परियोजना के माध्यम से:
- सिंचाई सुविधाएं: परियोजना से लगभग 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- पेयजल आपूर्ति: 62 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी।
- बिजली उत्पादन: 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे क्षेत्र में ऊर्जा संकट को दूर किया जा सकेगा।
- पर्यावरण संरक्षण: यह परियोजना क्षेत्र में वन और जैव विविधता के संरक्षण में भी सहायक होगी।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की रूपरेखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह खजुराहो पहुंचेंगे, जहां वे सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वे केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसमें वे इस परियोजना की महत्वता और सरकार की अन्य योजनाओं की जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर स्थानीय लोगों में भी उत्साह है। बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।