भूमि अर्जन प्राधिकरण का बड़ा फैसला, काश्तकार को मुआवजा न मिलने पर कार्रवाई
वाराणसी जिले में तहसील राजातालाब, सदर, और पिंडरा के 800 कर्मचारियों के वेतन पर रोक लग गई है, क्योंकि जिला मजिस्ट्रेट (DM) का ट्रेजरी कोड-2029 भूमि अर्जन प्राधिकरण के आदेश से सीज कर दिया गया है। यह कार्रवाई बरेका (बनारस रेल इंजन कारखाना) में अधिग्रहित भूमि के काश्तकार को उचित मुआवजा न मिलने के कारण हुई।
1986 से लंबित था मामला
1986 में जिला प्रशासन ने बरेका के लिए भूमि अधिग्रहण किया था। इस दौरान कई काश्तकारों को उचित मुआवजा नहीं मिला, जिससे उन्होंने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। काश्तकार पुरुषोत्तम ने तहसील और कलेक्ट्रेट में कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। आखिरकार, उन्होंने भूमि अर्जन पुनर्वास व पुनव्यवस्थापन प्राधिकरण में अपील दायर की।
प्राधिकरण का आदेश
पीठासीन अधिकारी किरण पाल सिंह ने मामले की जांच के बाद पाया कि काश्तकार को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि 10,70,026 रुपये की राशि तुरंत अदा की जाए। आदेश के बावजूद भुगतान न होने पर, उन्होंने DM के ट्रेजरी कोड-2029 से धन निकासी पर रोक लगा दी।
प्रभावित हुए सरकारी कर्मी
इस ट्रेजरी कोड से तहसील कर्मचारियों का वेतन और अन्य सरकारी खर्चों का भुगतान किया जाता था। इसे सीज किए जाने से 800 कर्मचारियों के वेतन और अन्य प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ा है। अब प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द मुआवजा राशि जारी कर ट्रेजरी कोड को फिर से सक्रिय कराए।