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वाराणसी विकास प्राधिकरण: सैटेलाइट तकनीक से अवैध निर्माण पर नियंत्रण

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वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) का विकास क्षेत्र 1073 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमें वाराणसी नगर निगम क्षेत्र सहित 850 गाँव शामिल हैं। यह क्षेत्र पाँच जोनों में विभाजित है। इसमें वाराणसी के 631 गाँव, चंदौली के 170 गाँव, और मिर्जापुर के 49 गाँव सम्मिलित हैं। अवैध प्लॉटिंग और अनधिकृत निर्माण पर रोक लगाने के लिए वीडीए ने “इन्फोर्समेंट जियोमैट्रिक्स सॉफ़्टवेयर” के माध्यम से सैटेलाइट डाटा आधारित निगरानी प्रणाली लागू की है।

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सॉफ़्टवेयर की मुख्य विशेषताएँ:

  1. निर्माण की जानकारी: सैटेलाइट डाटा के माध्यम से निर्माण का क्षेत्रफल, समयावधि और स्थान के अक्षांश-देशांतर की जानकारी प्राप्त होती है।
  2. भू-प्रयोग का विवरण: आराजी और गाँवों के भू-प्रयोग की जानकारी अपलोडेड है, जिससे निर्माण स्थल का उपयोग स्पष्ट होता है।
  3. मार्ग की जानकारी: सॉफ़्टवेयर गूगल लोकेशन के जरिए निर्माण स्थल तक पहुँचने का मार्ग दिखाता है।
  4. सूक्ष्म निरीक्षण: 30 सेंटीमीटर तक के विचलन का चिन्हांकन किया जा सकता है।
  5. प्रवर्तन कार्यवाही: अवैध निर्माण का विवरण संबंधित जोन को भेजा जाता है, जहाँ अधिकारी निरीक्षण कर आगे की कार्यवाही करते हैं।
  6. राजस्व वृद्धि और योजना: सॉफ़्टवेयर से अवैध निर्माण को नियंत्रित कर राजस्व बढ़ाया जाएगा और सुनियोजित विकास को गति मिलेगी।
  7. फोटो तुलना: निर्माण से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध कराई जाती हैं।

हालिया कार्यवाही:

पहले चरण में जोन-01, 02, और 03 में 1000 वर्गमीटर से बड़े 49 निर्माण चिन्हित किए गए। जोन-01 में दो निर्माण वैध पाए गए, जबकि जोन-03 के दशाश्वमेध क्षेत्र में “दुल्हन पैलेस मैरिज लॉन” और “मौर्य मंगलम लॉन” में अवैध निर्माण पाए गए। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत नोटिस जारी किया गया।

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यह प्रणाली वाराणसी के सुनियोजित विकास और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित कर रही है।

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