वाराणसी स्थित आर एस शिवमूर्ति पब्लिक स्कूल में हाल ही में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति आदरभाव का प्रदर्शन किया। यह आयोजन विशेष रूप से दशहरा और नवरात्रि के पावन अवसर को ध्यान में रखकर किया गया था, जहां बच्चों ने रामायण के प्रसंगों के साथ-साथ नव दुर्गा के विभिन्न रूपों की सजीव झांकी प्रस्तुत की।
इस आयोजन में विद्यालय के बच्चों ने भगवान राम और माता सीता की भूमिका निभाते हुए रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों का प्रदर्शन किया। उनके अभिनय में रामायण के आदर्श पात्रों का गुणगान हुआ, जिसमें भगवान राम का मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप, माता सीता की पवित्रता, और लक्ष्मण की भक्ति दिखाई दी। बच्चों ने रावण वध की कथा को अपने प्रदर्शन के माध्यम से जीवंत कर दिया, जिससे दर्शकों में रामायण के मूल्यों की प्रति गहरी आस्था उत्पन्न हुई।
नव दुर्गा की भूमिका निभाने वाले विद्यार्थियों ने देवी के नौ रूपों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। हर बच्चा एक विशेष देवी के रूप में मंच पर आया, जिससे नारी शक्ति और देवी के विभिन्न गुणों का महत्व प्रतिपादित हुआ। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के रूप में बच्चों ने एक के बाद एक देवी के स्वरूप में नृत्य और अभिनय किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की इस प्रस्तुति ने भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के प्रति उनके लगाव और समझ का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में बच्चों ने न केवल अभिनय कौशल दिखाया, बल्कि उनकी वेशभूषा, संगीत और संवाद अदायगी ने भी समां बांध दिया। मंच पर रंग-बिरंगी सजावट, धार्मिक गीत-संगीत, और मंत्रों की गूंज ने विद्यालय के प्रांगण को एक अद्वितीय आध्यात्मिक माहौल में बदल दिया। विद्यालय के शिक्षक और प्रबंधक इस आयोजन में बच्चों की कड़ी मेहनत और समर्पण से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस तरह के आयोजन से न केवल उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं के बारे में भी गहन जानकारी प्राप्त होती है।
इस आयोजन में बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। वे अपने बच्चों की प्रतिभा को देखकर गर्वित महसूस कर रहे थे। माता-पिता ने विद्यालय के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास होता है, जो उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में मदद करता है।
कार्यक्रम का समापन देवी दुर्गा के आरती और राम के जयघोष के साथ हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों का धन्यवाद किया और उन्हें इसी प्रकार के आयोजनों में भाग लेने और अपनी संस्कृति को संजोए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों को मंच पर प्रदर्शन करने का अवसर देते हैं, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति, धर्म और परंपराओं से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी हैं।
इस प्रकार, शिवमूर्ति पब्लिक स्कूल का यह आयोजन बच्चों की सृजनशीलता, धार्मिक आस्था, और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।