डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कनाडा पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने, पनामा नहर पर कब्जा करने और ग्रीनलैंड को लेकर बयानबाजी की है। ये बयान उनकी आक्रामक नीतियों और योजनाओं की झलक देते हैं। ट्रंप ने ट्रांसजेंडर्स और अवैध अप्रवास को लेकर भी विवादित बयान दिए हैं। यह साफ है कि उनका कार्यकाल न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक राजनीति में भी चर्चा का विषय रहेगा।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल: नजरें होंगी कैबिनेट और नीतियों पर
डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उन्होंने डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को हराकर चुनाव जीता और 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। उनकी कैबिनेट में कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें उद्योगपति एलन मस्क का नाम भी शामिल है। मस्क को सरकार के खर्चों में कटौती की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में ट्रंप और उनकी कैबिनेट के फैसले आगामी वैश्विक राजनीति को प्रभावित करेंगे।
2024: नाटकीय घटनाओं का साल
साल 2024 कई अप्रत्याशित घटनाओं का गवाह रहा। बांग्लादेश और सीरिया में तख्तापलट ने दुनिया को चौंका दिया। श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके की प्रचंड जीत ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए। पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी की बगावत ने देश को अस्थिरता के कगार पर ला खड़ा किया।
वैश्विक राजनीति में संकट
यूरोप में फ्रांस और जर्मनी की सरकारें अल्पमत में हैं, और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है। पश्चिम एशिया में स्थिति गंभीर बनी हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भी पूरी दुनिया पर पड़ रहा है, और इसके बढ़ने की आशंका से वैश्विक भू-राजनीति पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
कुंभ मेला: दुनिया का सबसे बड़ा मेला
13 जनवरी से कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है, जो फरवरी तक चलेगा। यह मेला गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के तट पर आयोजित होता है। इस बार करीब 40 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यूनेस्को ने कुंभ मेले को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है। हिंदुओं का मानना है कि कुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से उनके पाप धुल जाते हैं।
दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव
अगले साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। ये चुनाव भारतीय राजनीति के तीन बड़े चेहरों—पीएम मोदी, नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल—के बीच मुकाबला माने जा रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव उनकी नेतृत्व क्षमता की परीक्षा होगा। वहीं, तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के लिए भी यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पर सबकी निगाहें
सरकार ने हाल ही में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पेश किया है। संसद की संयुक्त समिति इस पर चर्चा कर रही है और अगले साल इसके पारित होने की उम्मीद है। यह विधेयक पारित होने पर देश की राजनीतिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है।
समान नागरिक संहिता और जनगणना पर चर्चाएं
अगले साल समान नागरिक संहिता पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, 2025 में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी, जो भारत के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को समझने के लिए अहम होगी।
2025 में वैश्विक और राष्ट्रीय नजरें
आगामी साल में राजनीतिक और वैश्विक स्तर पर कई बड़े घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं। ट्रंप का कार्यकाल, भारत में चुनाव, और वैश्विक संकट जैसे मुद्दे चर्चा में बने रहेंगे। नई नीतियों और घटनाओं के साथ, 2025 की शुरुआत एक नई दिशा में होगी।