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सकारात्मक ऊर्जा का संचार करनेवाले शिक्षक थे प्रो. पूर्णमासी राय : प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी

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वाराणसी- काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी एवं प्रो. पूर्णमासी राय स्मृति न्यास काशी के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रो. पूर्णमासी राय स्मृति समारोह 2025 का आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. पूर्णमासी राय के जीवन पर एक स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया। स्वागत भाषण डॉ. हरेंद्र कुमार राय ने किया। कार्यक्रम में प्रो. अवधेश प्रधान ने मुख्य वक्तव्य देते हुए प्रो. पूर्णमासी राय की तीसरी पुण्यतिथि पर स्मरण किया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि वे जब किसी से मिलते तो उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करते थे। समारोह की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी ने कहा कि वे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करनेवाले शिक्षक थे। उनकी स्मृतियाँ पावन एवं वंदनीय है। समारोह में अतिथि एवं वक्ताओं ने बताया कि जिस प्रकार प्रो. राय ने अपने अध्यापकीय एवं पारिवारिक कर्त्तव्यबोध का पालन किया, उसे समझने पर यह लगता है कि पूर्णमासी नाम उनके व्यक्तित्व के अनुरूप ही था। सबसे बड़ी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि अध्यापक एवं छात्र मिलकर तालमेल का वातावरण बनाएँ एवं कुटुंब के दायित्व का पालन करें। इस अवसर पर संगीत प्रस्तुति की गई एवं वाराणसी के प्रख्यात कवियों ने भी अपनी कविताओं का पाठ किया तथा प्रो. राय की स्मृतियों को याद किया। इस अवसर पर नागेश शांडिल्य ने पढ़ाई बनाम लड़ाई कविता का पाठ भी किया। प्रो. हरिकेश सिंह जी ने कहा कि प्रो. राय सिर्फ एक शिक्षक नहीं थे अपितु सच्चे आचार्य थे।
समारोह का संचालन डॉ. धीरेंद्र राय ने किया एवं जयतु विश्वविद्यालय काशी गीत की प्रस्तुति भी की। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अशोक कुमार ज्योति ने किया। डॉ. ज्योति ने बताया कि उस दौर में प्रो. पूर्णमासी राय का नाम पटना के सभी साहित्यकार बड़ी सम्मान के साथ लिया करते थे। पटना इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के अध्यापक एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं छात्र उपस्थित रहे।

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Aditya