“सूर्य नमस्कार” एक प्राचीन योगाभ्यास है, जिसे सूर्य को सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं, जो शरीर को लचीला, बलशाली और ऊर्जावान बनाते हैं। इसके साथ ही “सूर्य नमस्कार मंत्र” का उच्चारण करना इस अभ्यास की शक्ति को और भी बढ़ा देता है। इस मंत्र का सही उच्चारण करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में संतुलन आता है। आजकल की व्यस्त जीवनशैली में, यह मंत्र हमारी आत्मा को शांति और शक्ति देने का एक अद्भुत तरीका है।
सूर्य नमस्कार मंत्र
॥ॐ मित्राय नम:॥
॥ॐ रवये नम:॥
॥ॐ सूर्याय नम:॥
॥ॐ भानवे नम:॥
॥ॐ खगाय नम:॥
॥ॐ पुष्णे नम:॥
॥ॐ हिरण्यगर्भाय नम:॥
॥ॐ मरीचये नम:॥
॥ॐ आदित्याय नम:॥
॥ॐ सवित्रे नम:॥
॥ॐ अर्काय नम:॥
॥ॐ भास्कराय नम:॥
सूर्य नमस्कार मंत्र का नियमित उच्चारण न केवल शारीरिक ताकत बढ़ाता है, बल्कि यह मन को भी शांति और सकारात्मकता से भर देता है। यह एक ऐसा साधना है जो हमें सूर्य की ऊर्जा से जुड़ने और जीवन में नवीनता लाने का अवसर प्रदान करता है। यदि आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो न केवल आपके शरीर में बदलाव आएगा, बल्कि आपके मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन होंगे। तो क्यों न आज से ही सूर्य नमस्कार के साथ इस मंत्र का जाप करें और अपने जीवन को ऊर्जा और शांति से भर दें।