

शिव और पार्वती, शक्ति और शिवत्व के अद्भुत संगम हैं। इनकी उपासना से जीवन में प्रेम, सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। “शिव पार्वती मंत्र” का जाप करने से न केवल वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, बल्कि समस्त संकटों से भी मुक्ति मिलती है। यह मंत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए फलदायी होता है जो गृहस्थ जीवन में खुशहाली चाहते हैं या अपने रिश्तों को मजबूत बनाना चाहते हैं। आइए जानें इस मंत्र की विधि और इसके अद्भुत लाभ।

Shiv Parvati Mantra
मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए।
हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया,
तथा माम कुरु कल्याणी कांतकांता सुदुर्लाभाम्॥
पति की दीघार्यु के लिए मंत्र।
नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा,
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र।
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्,
पुत्र-पौत्रादि समृद्धि देहि में परमेश्वरी॥
शिव पार्वती का प्रिय मंत्र।
॥ॐ पार्वतीपतये नमः॥
“शिव पार्वती मंत्र” भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। जो व्यक्ति इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से करता है, उसके जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यदि आप अपने गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं, तो इस पावन मंत्र का जाप अवश्य करें। साथ ही, “ऊं नमः शिवाय मंत्र” और “शिव तांडव स्तोत्र” को भी पढ़ें और शिव कृपा प्राप्त करें।
शिव पार्वती मंत्र जाप विधि
- स्नान और शुद्धता: प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मंदिर या पूजा स्थान: किसी पवित्र स्थान या घर के मंदिर में दीप जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- आसन ग्रहण करें: कुशा या ऊनी आसन पर बैठकर ध्यान लगाएं।
- मंत्र जाप प्रारंभ करें: रुद्राक्ष माला का उपयोग करते हुए 108 बार मंत्र का जाप करें।
- प्रसाद और अर्घ्य अर्पण करें: अंत में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और फूल चढ़ाकर भगवान को प्रसाद अर्पित करें।
- नियमितता: प्रतिदिन या कम से कम सोमवार को यह जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
शिव पार्वती मंत्र के लाभ
- वैवाहिक जीवन में मधुरता: इस मंत्र का जाप करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- विवाह में बाधा दूर करना: अविवाहितों के लिए यह मंत्र शीघ्र विवाह के योग बनाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस मंत्र के नियमित जाप से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
- संकटों से मुक्ति: जीवन में आने वाले कष्ट और संकट धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं।