वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में स्थित कोयला मंडी न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव स्पष्ट दिखने लगा है। इस मंडी से निकलने वाली कोयले की धूल हवा में फैलकर लोगों के घरों तक पहुँच जाती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और खान-पान में भी मिलावट होने की संभावना बढ़ जाती है। यह समस्या राहगीरों के लिए भी गंभीर है, क्योंकि सड़क पर फैले कोयले के अवशेषों के कारण पैदल चलना कठिन हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोयला मंडी के कारण वातावरण में कालिख और गंदगी फैल गई है, जिससे मंदिरों और अन्य सांस्कृतिक स्थलों की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है। विकल्प पैरामेडिकल कॉलेज के संस्थापक डॉ. अमित यादव ने प्रशासन से इस मंडी को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की है, क्योंकि इससे न केवल स्वास्थ्य पर बल्कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों ने भी प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके। कोयला मंडी के कारण व्यापारियों का व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है, जिससे उनका आर्थिक जीवन कठिन हो गया है। स्थानीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस समस्या का निराकरण करेंगे, ताकि रामनगर के लोगों को इस गंभीर समस्या से मुक्ति मिल सके।