चंदौली: बाड़मेर एक्सप्रेस में आरपीएफ और जीआरपी जवानों की ड्यूटी न लगने की जानकारी बाहर शराब तस्करों तक कैसे पहुंची, इस गुत्थी को सुलझाने में गाजीपुर क्राइम ब्रांच की टीम और गहमर इंस्पेक्टर जी-जान से जुटे हुए हैं। हाल ही में पटरी के किनारे एक आरपीएफ जवान का शव मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर क्राइम ब्रांच ने डीडीयू नगर स्टेशन पर पहुंचकर रिकॉर्ड खंगालने का काम शुरू किया।
शुक्रवार को दोनों टीमें डीडीयू जंक्शन पहुंचीं और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की। बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में डीडीयू से चढ़ने वाले सभी यात्रियों की जानकारी एकत्र की गई, जबकि स्थानीय पुलिस को जांच से दूर रखा गया। पांच घंटे की जांच के दौरान पता चला कि बाड़मेर एक्सप्रेस में आरपीएफ और जीआरपी जवानों की ड्यूटी नहीं लगती, लेकिन इस जानकारी का गलत इस्तेमाल शराब तस्करों द्वारा किया गया।
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि घटना वाले दिन बाड़मेर एक्सप्रेस लगभग 10 मिनट तक चेन पुलिंग के कारण रुकी रही, लेकिन आरपीएफ का कोई भी जवान मौके पर नहीं पहुंचा। ड्राइवर और गार्ड से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया। इस जानकारी के आधार पर कारखासों का सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) खंगालने की तैयारी की जा रही है, जिससे तस्करों से जुड़े किसी भी एंगल का पर्दाफाश हो सके।
आरपीएफ सिपाहियों के कुछ संदिग्ध संबंधों की भी जांच की जा रही है, क्योंकि स्टेशन पर ट्रेन के खुलने के तुरंत बाद चेन पुलिंग होना, और फिर किसी भी सुरक्षा कर्मी का मौके पर न पहुंचना, शक की सुई इनकी ओर घुमा रहा है। जांच की दिशा अब सीडीआर से होने वाली खुलासों पर केंद्रित है।
ब्यूरो चीफ गणपत राय की रिपोर्ट