भारतीय सनातन संस्कृति में तुलसी माता को देवी स्वरूप माना गया है। इन्हें लक्ष्मी जी का ही एक रूप कहा जाता है और यह श्रीहरि विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। जय तुलसी माता केवल एक उद्घोष नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और शुद्ध जीवन का प्रतीक है। इस लेख में हम तुलसी माता के महत्व, पूजन विधि और लाभों के विषय में विस्तार से जानेंगे।
Jai Tulsi Mata
जय जय तुलसी माता…
सब जग की सुख दाता, वर दाता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर…
रुज से रक्षा करके भव त्राता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या…
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित…
पतित जनो की तारिणी विख्याता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में…
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी…
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता !!
!! जय जय तुलसी माता !!
जय तुलसी माता का जाप और पूजन मात्र से जीवन में पवित्रता, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि आत्मिक शुद्धि का मार्ग भी है। तुलसी माता की भक्ति से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जो भक्त सच्चे मन से तुलसी माता कहकर पूजन करते हैं, उनके जीवन में कभी अंधकार नहीं रहता।
तुलसी पूजन विधि
- प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
- तुलसी के पौधे को स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
- दीपक जलाकर, कुमकुम, अक्षत व पुष्प अर्पित करें।
- तुलसी माता को नैवेद्य चढ़ाएं (गुड़, फल या मिष्ठान)।
- तुलसी माता मंत्र का 108 बार जाप करें।
- तुलसी के चारों ओर परिक्रमा करें (कम से कम 3 बार)।
- आरती करें और परिवार सहित तुलसी की जयकार करें।
तुलसी पूजन के लाभ
- पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा – तुलसी माता का पूजन घर में शुद्धता और सकारात्मकता लाता है।
- वैवाहिक सुख – विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करती हैं तथा वैवाहिक जीवन सुखद बनाती हैं।
- धन और समृद्धि – लक्ष्मी जी की कृपा तुलसी पूजन से प्राप्त होती है, जिससे धन में वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य लाभ – तुलसी के पत्तों का सेवन रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- पितृ दोष शांति – तुलसी माता के पूजन से पितृ दोष दूर होते हैं और कुल में शांति बनी रहती है।
- मोक्ष की प्राप्ति – तुलसी जी को श्रीहरि का प्रिय माना गया है, अतः इनकी भक्ति से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।