पंजाब इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। राज्य के कई हिस्सों में तापमान शून्य डिग्री तक गिर गया है, जिससे ठंड का प्रकोप और भी बढ़ गया है। अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा जैसे प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया।
मौसम विभाग का अलर्ट: छह दिन तक सीवियर कोल्ड वेव
मौसम विभाग ने अगले छह दिनों में पंजाब के कुछ इलाकों में सीवियर कोल्ड वेव चलने की चेतावनी जारी की है। यह ठंडी लहरें न केवल तापमान को और नीचे गिराएंगी, बल्कि लोगों की दिनचर्या को भी प्रभावित कर सकती हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तरी हवाओं के कारण बनी है।
अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में ठंड का प्रकोप
राज्य के प्रमुख शहरों जैसे अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है। इन शहरों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री नीचे दर्ज किया गया है। बठिंडा में तो स्थिति और भी गंभीर है, जहां तापमान शून्य के आसपास पहुंच गया है।
सामान्य जनजीवन पर ठंड का असर
कड़ाके की ठंड के कारण पंजाब में सामान्य जनजीवन पर बड़ा असर पड़ा है। लोग सुबह और रात के समय घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। बाजारों और सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है। स्कूलों और कार्यालयों में भी उपस्थिति प्रभावित हो रही है।
स्वास्थ्य पर ठंड का असर: बुजुर्गों और बच्चों के लिए चेतावनी
ठंड के प्रकोप का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। शीत लहर के दौरान हृदय रोग, अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। लोगों को गर्म कपड़े पहनने और ठंडी हवाओं से बचने की सलाह दी गई है।
क्या है सीवियर कोल्ड वेव
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री या उससे अधिक गिरता है और 0 डिग्री या उससे नीचे चला जाता है, तो इसे सीवियर कोल्ड वेव माना जाता है। इस तरह की स्थिति में ठंड के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है।
पंजाब में ठंड के बढ़ते प्रभाव के कारण
ठंड का यह प्रकोप मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में भारी बर्फबारी और उत्तरी हवाओं के तेज प्रवाह के कारण है। इसके अलावा, मैदानी इलाकों में साफ आसमान भी तापमान गिराने में योगदान दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में ठंड का असर और बढ़ सकता है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने ठंड से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। रैन बसेरों की संख्या बढ़ाई गई है और ठंड से प्रभावित लोगों के लिए कंबल और हीटर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
किसानों पर ठंड का असर
पंजाब में ठंड का असर किसानों पर भी पड़ रहा है। रबी की फसल पर इस मौसम का सीधा प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक ठंड के कारण सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। हालांकि, ठंड से आलू और गाजर जैसी फसलों को फायदा होने की संभावना है।