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प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक कुवैत का दो दिवसीय दौरा

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक कुवैत का दो दिवसीय दौरा
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होकर एक ऐतिहासिक क्षण रच दिया है। यह दौरा बीते 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला कुवैत दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी को यह निमंत्रण कुवैत के शेख मेशाल अल अहमद अल जबार अल सबाह द्वारा दिया गया है। इससे पहले, 1981 में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। इसके अतिरिक्त, 2009 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी कुवैत का दौरा किया था।

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रवाना होने से पहले पीएम मोदी का संदेश

कुवैत रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने भारत और कुवैत के बीच के गहरे संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने लिखा, “भारत और कुवैत न केवल व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भी उनकी साझा रुचि है। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।”

भारतीय समुदाय से मुलाकात

कुवैत पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात करना है। कुवैत में एक बड़ा और महत्वपूर्ण भारतीय समुदाय रहता है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सेतु का काम करता है। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय की समस्याओं और सुझावों को सुनेंगे और उन्हें आश्वासन देंगे कि भारत सरकार उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

कुवैत के शीर्ष नेतृत्व से बैठक

प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे के दौरान कुवैत के अमीर, युवराज और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करना है। बातचीत में व्यापार, ऊर्जा, निवेश, स्वास्थ्य सेवा, और सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी।

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अरैबियन गल्फ कप में भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी कुवैत में आयोजित अरैबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे। यह कुवैत की मेजबानी में आयोजित एक प्रतिष्ठित खेल आयोजन है, और पीएम मोदी की उपस्थिति से इस आयोजन को वैश्विक मंच पर और अधिक मान्यता मिलेगी।

भारत-कुवैत संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत और कुवैत के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद मजबूत रहे हैं। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने व्यापारिक संबंध हैं, जो आज भी जीवंत हैं। कुवैत भारत का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्तिकर्ता है, और भारत कुवैत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ करना चाहता है।

ऊर्जा और व्यापार साझेदारी

कुवैत भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। भारत, कुवैत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक निवेश और सहयोग की संभावनाओं को तलाश रहा है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच गैर-तेल व्यापार भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें कपड़ा, खाद्य पदार्थ, और औद्योगिक उत्पाद शामिल हैं।

पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका

पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। कुवैत दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगे। भारत का मानना है कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता से आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय प्रवासियों की भूमिका

कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो कुवैत की अर्थव्यवस्था और समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। भारतीय प्रवासी कुवैत में विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य सेवा, निर्माण, और सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। प्रधानमंत्री का दौरा प्रवासी भारतीयों के लिए एक संदेश है कि उनकी सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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