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पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से की चर्चा, बजट 2025-26 के लिए लिया सुझाव

पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से की चर्चा
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आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और बजट को संतुलित बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ एक विशेष बैठक की। यह बैठक 2025 के बजट के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें उन पहलुओं पर चर्चा की गई, जो देश के आर्थिक विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चर्चा का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार का मुख्य फोकस देश के हर वर्ग तक लाभ पहुंचाना और सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास करना है। उन्होंने बजट के विभिन्न आयामों पर गहन विचार-विमर्श किया और विशेषज्ञों से उनके सुझाव मांगे।

विशेषज्ञों की उपस्थिति से महत्वपूर्ण बन गई बैठक

इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन, आर्थिक विशेषज्ञ सुरजीत भल्ला, डीके जोशी सहित कई प्रमुख अर्थशास्त्री और नीति विशेषज्ञ उपस्थित थे। इन विशेषज्ञों ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और आगामी चुनौतियों पर अपने विचार रखे।

बैठक में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विशेषज्ञों से पूछा कि किस प्रकार से 2025-26 के बजट को देश के विकास की प्राथमिकताओं के साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के संतुलित विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

कृषि और ग्रामीण विकास पर चर्चा

बैठक में कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए यह चर्चा हुई कि किस प्रकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, नए तकनीकी साधनों को अपनाने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाओं को और मजबूत करने पर भी बल दिया गया।

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रोजगार सृजन और उद्योग क्षेत्र पर फोकस

बैठक के दौरान रोजगार सृजन को एक बड़ी प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन देना रोजगार बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। साथ ही, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए नीतियों को अधिक उदार और समावेशी बनाने पर जोर दिया गया।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए सुझाव

शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी बैठक में गहन विचार-विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर विचार-विमर्श

प्रधानमंत्री मोदी और विशेषज्ञों के बीच वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक मंदी के प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने और इसे मजबूत बनाए रखने के लिए निर्यात को प्रोत्साहित करने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और मुद्रा स्थिरता बनाए रखने पर काम किया जाना चाहिए।

डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में संभावनाएं

बैठक में डिजिटल इंडिया और तकनीकी विकास को लेकर भी कई सुझाव आए। विशेषज्ञों ने कहा कि देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी तकनीकों को अपनाने और डिजिटल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने से भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है।

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आर्थिक सुधारों पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए नीतिगत सुधारों की गति को तेज किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कर सुधार, बैंकिंग सुधार और भूमि सुधार जैसे क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

बजट पेश करने की तैयारियां तेज

बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 1 फरवरी, 2025 को लोकसभा में बजट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश के सभी वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित और समावेशी बजट पेश करना है।

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