उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने अपने नए मॉडल के तहत प्रदेश में ऊर्जा वितरण के सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को हुई बैठक में पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम को पांच नई कंपनियों में बांटने का निर्णय लिया गया। इसमें पूर्वांचल डिस्कॉम को तीन और दक्षिणांचल को दो कंपनियों में विभाजित किया जाएगा। हर कंपनी के पास 30-35 लाख उपभोक्ता होंगे।
इस बदलाव का उद्देश्य निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करना है, हालांकि निजीकरण नहीं होगा। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि नई कंपनियों का नेतृत्व शासन का वरिष्ठ अधिकारी करेगा। साथ ही, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी। कर्मचारियों की सेवा शर्तों, वेतन, पेंशन और प्रोन्नति में कोई बदलाव नहीं होगा।
नई व्यवस्था से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। कर्मचारियों को तीन विकल्प दिए जाएंगे – वर्तमान स्थान पर बने रहना, अन्य डिस्कॉम में स्थानांतरण या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति। पावर कॉरपोरेशन ने यह भी कहा कि नई व्यवस्था में पदोन्नति के अवसर प्रभावित नहीं होंगे।