माँ दुर्गा भारतीय सनातन संस्कृति की आदिशक्ति हैं, जो न केवल दुष्टों का संहार करती हैं बल्कि अपने भक्तों को अपार शक्ति, साहस और आत्मबल प्रदान करती हैं। माँ दुर्गा के भजनों में ऐसा दिव्य कंपन होता है जो तन, मन और आत्मा को ऊर्जा से भर देता है। इस लेख में हम “Durga Bhajan” की महिमा, उसकी विधि और लाभ पर चर्चा करेंगे, ताकि आप भी माँ की कृपा के भागी बन सकें।
दुर्गा भजन
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है।
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारों का,
रस्ता देख रही है माता, अपनी आंख के तारों का।
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है॥
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालों को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को।
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है॥
वैष्णो देवी के मन्दिर में, लोग मुरदे पाते है,
रोते-रोते आते है, हस्ते-हस्ते जाते है।
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है॥
मैं तो भी एक माँ हूं माता, माँ ही माँ को पहचाने,
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने।
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है॥
प्रेम से बोलो, जय माता दी,
ओ सारे बोलो, जय माता दी।
वैष्णो रानी, जय माता दी,
अम्बे कल्याणी, जय माता दी।
माँ भोली भाली, जय माता दी,
माँ शेरों वाली, जय माता दी।
झोली भर देती, जय माता दी,
संकट हर लेती, जय माता दी।
ओ जय माता दी, जय माता दी॥
Durga Bhajan केवल संगीत या भक्ति का साधन नहीं है, यह माँ से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम है। जो भक्त सच्चे मन से माँ की उपासना करते हैं, उनके जीवन में देवी माँ स्वयं मार्गदर्शक बन जाती हैं। यदि आप भी माँ की कृपा चाहते हैं तो नियमित रूप से Durga Bhajan करें और अपने जीवन को दिव्यता से भर दें।
विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करें और माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती चढ़ाएं।
- माँ को लाल फूल, चुनरी, नारियल और मिठाई अर्पित करें।
- पहले दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- फिर भावपूर्वक माँ का भजन करें।
- भजन करते समय घंटी या मृदंग का प्रयोग करें तो प्रभाव बढ़ता है।
- अंत में माँ की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
लाभ
- आध्यात्मिक शांति – माँ के भजन से मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा – यह भजन नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा देता है।
- आत्मबल में वृद्धि – माँ की कृपा से भीतर आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- संकटों का निवारण – जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएँ शांत होती हैं।
- परिवार में सुख-शांति – घर-परिवार में प्रेम, एकता और समृद्धि आती है।