

गणपति बप्पा को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, जिनकी आराधना के बिना कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता। “जय गणेश आरती” गणेश जी की महिमा का गुणगान करने वाली एक अत्यंत पावन आरती है, जिसका नियमित पाठ करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस लेख में हम आपको जय गणेश आरती की विधि, लाभ और महत्व के बारे में बताएंगे।

जय गणेश आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥1॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥2॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥3॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥4॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥5॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥6॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥7॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥8॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥9॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥10॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥11॥
जय गणेश आरती का नियमित रूप से पाठ करने से भगवान गणपति की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में हर कार्य सफल होता है। यदि आप भी अपने जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति चाहते हैं, तो श्रद्धा और भक्ति के साथ गणेश जी की आरती करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
जय गणेश आरती की विधि
- स्थान और समय – प्रातःकाल या संध्या के समय किसी शुद्ध स्थान पर बैठकर करें।
- सामग्री – दीपक, कपूर, अगरबत्ती, फूल, प्रसाद (लड्डू या मोदक) और जल रखें।
- पूजन विधि – गणेश जी का स्मरण कर, उनका चित्र या मूर्ति के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
- आरती का गायन – “जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा” भजन भावपूर्वक गाएं और घंटी बजाएं।
- प्रसाद वितरण – अंत में प्रसाद वितरण करें और सभी भक्तों को गणपति बप्पा का आशीर्वाद दें।
जय गणेश आरती के लाभ
- विघ्नों का नाश – भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, उनकी आरती करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- सुख-समृद्धि – गणेश जी की आरती करने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- बुद्धि और ज्ञान – वे ज्ञान और बुद्धि के दाता हैं, छात्रों और विद्वानों के लिए विशेष लाभकारी होती है।
- कार्य में सफलता – नौकरी, व्यापार और नए कार्यों में सफलता के लिए गणेश जी की आरती अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।