

पूर्वी रेलवे की ओर से यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। हावड़ा डिवीजन के तहत चलने वाली 60 उपनगरीय ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के सुधार के मद्देनजर लिया है। हावड़ा और लिलुआ स्टेशनों के बीच स्थित पुराने बनारस रोड ओवरब्रिज की जगह नए और आधुनिक बो-स्ट्रिंग गर्डर ब्रिज के निर्माण कार्य के कारण इन सेवाओं को रद्द किया गया है। आइए इस फैसले के पीछे की वजह और प्रभावित सेवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्यों लिया गया यह फैसला?
हावड़ा और लिलुआ के बीच स्थित बनारस रोड ओवरब्रिज का ढांचा काफी पुराना हो चुका है। रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इसे बदलने का निर्णय लिया गया है। इसके स्थान पर अत्याधुनिक बो-स्ट्रिंग गर्डर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा, जिससे ना केवल ट्रेन सेवाएं अधिक सुरक्षित होंगी, बल्कि यातायात का संचालन भी बेहतर होगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस निर्माण कार्य के कारण सेवाओं को रद्द करने, डायवर्ट करने और पुनर्निर्धारित करने का फैसला किया गया है।
कौन-कौन सी ट्रेन सेवाएं हुई प्रभावित
हावड़ा डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) संजीव कुमार ने बताया कि इस निर्माण कार्य के कारण कई ट्रेन सेवाएं प्रभावित होंगी। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
रद्द की गई सेवाएं
- हावड़ा-बंडेल-हावड़ा लोकल:
15 जोड़ी ट्रेनें (यानी कुल 30 ट्रेनें) रद्द की गई हैं। - हावड़ा-शेओराफुली-हावड़ा लोकल:
11 जोड़ी ट्रेनें (कुल 22 ट्रेनें) रद्द की गई हैं। - हावड़ा-बेलूर मठ-हावड़ा लोकल:
2 जोड़ी ट्रेनें (कुल 4 ट्रेनें) रद्द की गई हैं। - हावड़ा-श्रीरामपुर-हावड़ा लोकल:
2 जोड़ी ट्रेनें (कुल 4 ट्रेनें) रद्द की गई हैं।
इन सेवाओं के रद्द होने से हजारों यात्रियों के दैनिक आवागमन पर असर पड़ेगा।
यात्रियों को हो सकती है परेशानी
हावड़ा और आसपास के इलाकों में रोजाना लाखों यात्री उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का उपयोग करते हैं। इन सेवाओं के रद्द होने से यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ेगा, जिसमें निजी वाहन, बस या टैक्सी शामिल हो सकते हैं। इसके चलते यात्रा का खर्च बढ़ने के साथ ही यात्रा में लगने वाला समय भी बढ़ सकता है।
डायवर्ट और पुनर्निर्धारित सेवाएं
रेलवे प्रशासन ने कुछ ट्रेन सेवाओं को रद्द करने के साथ-साथ अन्य ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन और समय सारिणी में बदलाव का भी निर्णय लिया है। हालांकि, इस संबंध में विस्तृत जानकारी रेलवे द्वारा जल्द ही जारी की जाएगी। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की पुष्टि करें।
कब तक चलेगा निर्माण कार्य?
हावड़ा डिवीजन के अधिकारियों के अनुसार, बनारस रोड ओवरब्रिज को हटाकर नए बो-स्ट्रिंग गर्डर ब्रिज का निर्माण एक महत्वपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए समय सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन यह कार्य कुछ महीनों तक जारी रह सकता है। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे इस असुविधा को सुधारात्मक कार्य का हिस्सा मानें और सहयोग करें।
यात्रियों के लिए सुझाव
- यात्रा की योजना पहले से बनाएं:
अपनी यात्रा से पहले ट्रेन सेवाओं की स्थिति की जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या रेलवे हेल्पलाइन से प्राप्त करें। - वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें:
जिन रूट्स पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, वहां बस या अन्य सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। - रेलवे की अपडेट्स पर नजर रखें:
रेलवे समय-समय पर सेवाओं की स्थिति और मार्ग में बदलाव की जानकारी देगा।
रेलवे प्रशासन की अपील
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस असुविधा को लेकर धैर्य बनाए रखें। यह कार्य उनकी सुरक्षा और भविष्य में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। डीआरएम संजीव कुमार ने कहा, “हम यात्रियों की परेशानी को समझते हैं, लेकिन यह कदम सभी के हित में उठाया गया है। हमारा प्रयास है कि निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और सेवाओं को बहाल किया जाए।”
नए ब्रिज से क्या होंगे फायदे?
नए बो-स्ट्रिंग गर्डर ब्रिज के निर्माण के बाद यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे:
- बेहतर संरचना:
नया ब्रिज अधिक मजबूत और टिकाऊ होगा। - यातायात में सुधार:
ट्रेनों के परिचालन में अधिक सुरक्षा और सुगमता होगी। - लंबी अवधि के लिए समाधान:
यह ब्रिज भविष्य में बढ़ते यातायात दबाव को संभालने में सक्षम होगा।