

अमन पाठक की कलम से…

आप सब तो जानते ही हैं मैं कौन हूं… मैं हूं बनारस से गाजीपुर को जोड़ने वाली चार लेन वाली हाईवे। पर..! इस समय मेरी नई पहचान बन गई है – “मौत का हाईवे”।

आप सब सोच रहे होंगे ऐसा क्यों? ऐसा इसलिये कि मेरे हाईवे पर सफर करने वाले कुछ लोगों की लापरवाही ने मुझे यह नाम दे दिया है। रोज हो रहे भयावह हादसों ने मेरा रंग रक्तरंजित कर दिया है—कभी गलत दिशा में चलते वाहनों से, तो कभी अत्यधिक तेज व अनियंत्रित रफ्तार से, तो कभी बीच से अवैध रूप से पार करने वाले वाहनों से। इन घटनाओं से मैं भी व्यथित हो रही हूं।
लोग क्यों नहीं समझते? हर कुछ किलोमीटर पर लेन बदलने के लिए जगह बनी हुई है। हर तरह के वाहनों के परिवहन के लिए अलग-अलग लेन निर्धारित हैं। रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक चेतावनियाँ भी लिखी गई हैं। फिर भी, लापरवाही और नियमों की अनदेखी के कारण अनगिनत अनमोल जिंदगियाँ खत्म हो रही हैं।
कैसे समझाऊं लोगों को कि आपका जीवन अमूल्य है—आपके परिवार के लिए और मेरे लिए भी…।
✍️ अमन पाठक, पत्रकार