

माँ दुर्गा को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। उनकी आराधना से न केवल मनोबल बढ़ता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश भी होता है। दुर्गा देवी की आरती करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस लेख में हम दुर्गा देवी की आरती के महत्व, करने की विधि और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

दुर्गा देवी आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥
माँ दुर्गा की आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भर देती है। यदि आप भी अपने जीवन में सुख-शांति, सफलता और समृद्धि चाहते हैं, तो माँ दुर्गा की आरती नित्य करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। जय माता दी!
दुर्गा देवी की आरती का महत्व
दुर्गा देवी की आरती करना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भक्तों की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक भी है। इसके कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते हैं:
- नकारात्मकता का नाश: माँ दुर्गा की आरती से घर और मन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: नियमित आरती से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
- मनोकामना पूर्ण होती है: माँ दुर्गा की कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
- बाधाओं का नाश: जीवन में आने वाली परेशानियां और कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
दुर्गा देवी की आरती करने की विधि
- साफ-सफाई रखें – आरती करने से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल तैयार करें – माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर रखें और दीप जलाएँ।
- सामग्री जुटाएँ – घी का दीपक, अगरबत्ती, फूल, कपूर, घंटी और नैवेद्य तैयार करें।
- मंत्र जाप करें – आरती से पहले ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें।
- आरती करें – कपूर जलाकर आरती करें और घंटी बजाएँ।
- प्रसाद वितरण करें – आरती समाप्त होने के बाद भक्तों में प्रसाद बांटें।
दुर्गा देवी की आरती के लाभ
- मानसिक शांति – आरती करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
- नकारात्मक ऊर्जा– घर और जीवन से नकारात्मकता दूर होती है।
- सफलता का मार्ग– जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- धन और समृद्धि– माँ दुर्गा की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- परिवार में सुख-शांति– माता रानी की आरती से घर में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।