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दुर्गा स्तोत्र: महत्व, पाठ विधि और लाभ

दुर्गा स्तोत्र
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माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और विजय की देवी माना जाता है। उनकी कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है। दुर्गा स्तोत्र का पाठ करने से मन में सकारात्मकता आती है, भय दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। इस लेख में हम दुर्गा स्तोत्र के महत्व, पाठ विधि और लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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दुर्गा माँ का स्तोत्र


जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे,
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥

जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे,
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥

जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे,
जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥

जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते,
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥

जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे,
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिव॥

एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:,
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥

दुर्गा स्तोत्र का पाठ भक्तों को मानसिक शांति, आत्मबल और जीवन में सफलता प्रदान करता है। यदि आप भी अपने जीवन में शक्ति, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो नियमित रूप से माँ दुर्गा स्तोत्र का पाठ करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। जय माता दी!

दुर्गा स्तोत्र का महत्व

दुर्गा स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली और शक्ति प्रदान करने वाला स्तोत्र है। इसका नियमित पाठ करने से जीवन की अनेक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

  • भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश: दुर्गा स्तोत्र के उच्चारण से घर और मन से भय व नकारात्मकता दूर होती है।
  • आत्मबल और साहस बढ़ता है: यह स्तोत्र मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
  • बाधाओं से मुक्ति मिलती है: दुर्गा स्तोत्र का पाठ जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं को समाप्त करता है।
  • समृद्धि और सफलता का मार्ग खुलता है: माँ दुर्गा की कृपा से आर्थिक और व्यक्तिगत जीवन में उन्नति होती है।
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दुर्गा स्तोत्र पाठ की विधि

  1. शुद्धता बनाए रखें – स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल तैयार करें – माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
  3. सामग्री जुटाएँ – घी का दीपक, अगरबत्ती, फूल, अक्षत, और नैवेद्य रखें।
  4. मंत्र जाप करें – स्तोत्र पाठ से पहले “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का 11 बार जाप करें।
  5. दुर्गा स्तोत्र का पाठ करें – श्रद्धा भाव से पूरे मनोयोग के साथ स्तोत्र का पाठ करें।
  6. आरती करें – अंत में माँ दुर्गा की आरती गाएँ और प्रसाद वितरण करें।

दुर्गा स्तोत्र पाठ के लाभ

  • भय और संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल आता है।
  • माँ दुर्गा की कृपा से हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
  • स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा होती है।
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Aditya