RS Shivmurti

दुर्गा चालीसा: माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए संपूर्ण पाठ

Durga Chalisa
खबर को शेयर करे
RS Shivmurti

दुर्गा चालीसा हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की स्तुति के लिए सबसे प्रभावशाली और श्रद्धापूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसमें 40 चौपाइयाँ होती हैं, जिनका नियमित पाठ करने से भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। Durga Chalisa भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है और जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों से मुक्त करने में सहायक होती है।

RS Shivmurti

अगर आप भी अपने जीवन में सकारात्मकता, शक्ति और आत्मविश्वास लाना चाहते हैं, तो चालीसा का पाठ आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। इस लेख में हम चालीसा का महत्व, इसके लाभ और इसे पढ़ने की विधि पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥1॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥2॥

शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥3॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥4॥

तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥5॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥6॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥7॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥8॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥9॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥10॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥11॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥12॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥13॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥14॥

मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥15॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥16॥

इसे भी पढ़े -  Dhanvantari Gayatri Mantra | धन्वंतरि गायत्री मंत्र

केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥17॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥18॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥19॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥20॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥21॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥22॥

रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥23॥

परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥24॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥25॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥26॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥27॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥28॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥29॥

शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥30॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥31॥

शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥32॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥33॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥34॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥35॥

आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥36॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥37॥

करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।38॥

जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥39॥

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥40॥

देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥41॥

॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

दुर्गा चालीसा का महत्व

यह चालीसा केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधन है जो भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करता है। माँ दुर्गा शक्ति, साहस, बुद्धिमानी और विजय की प्रतीक हैं। जब भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ चालीसा का पाठ करते हैं, तो माँ उनकी हर कठिनाई को दूर करती हैं।

इसे भी पढ़े -  मां भगवती को यह भोग लगाएं होंगी सभी इच्छायें पूरी

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा – चालीसा पढ़ने से व्यक्ति को बुरी शक्तियों और बुरी नजर से बचाव मिलता है।
आत्मविश्वास और साहस – यह पाठ मन को शक्ति और आत्मबल प्रदान करता है जिससे व्यक्ति हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होता है।
संकटों से मुक्ति – जीवन में जब भी कोई बड़ा संकट आता है, चालीसा के नियमित पाठ से उससे मुक्ति मिलती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार – यह पाठ वातावरण को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
परिवार में सुख-शांति –
जो लोग नियमित रूप से इस चालीसा का पाठ करते हैं, उनके परिवार में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।

दुर्गा चालीसा के लाभ

  1. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई किसी न किसी तनाव से जूझ रहा है। इस चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
  2. आर्थिक समृद्धि: भक्तों का मानना है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से माँ दुर्गा की उपासना करता है, उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और व्यापार एवं नौकरी में उन्नति मिलती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है। इससे रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है।
  4. भूत-प्रेत बाधाओं से रक्षा: अगर किसी व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा या बुरी आत्माओं का प्रभाव हो, तो चालीसा का पाठ उन्हें इससे बचाने में मदद करता है।
  5. कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता: जिन लोगों पर झूठे मुकदमे या कानूनी परेशानियाँ होती हैं, वे इस चालीसा का पाठ करने से जल्द ही समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
इसे भी पढ़े -  Durga Stuti Lyrics | दुर्गा स्तुति लिरिक्स

दुर्गा चालीसा पढ़ने की विधि

अगर आप चालीसा का पाठ करना चाहते हैं, तो इसे सही विधि से करना बहुत जरूरी है।

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।
  • सुपारी, फल और मिठाई का भोग अर्पित करें।
  • सच्चे मन और श्रद्धा के साथ दुर्गा जी के चालीसा का पाठ करें।
  • पाठ के बाद माँ दुर्गा की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
  • अगर आप नवरात्रि या विशेष अवसरों पर इसका पाठ करते हैं, तो इसका प्रभाव और भी अधिक होता है।

दुर्गा चालीसा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  1. यह चालीसा तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा की तरह ही 40 चौपाइयों में विभाजित होती है।
  2. यह पाठ दुर्गा सप्तशती और देवी महात्म्य का संक्षिप्त रूप माना जाता है।
  3. इसे किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन मंगलवार, शुक्रवार और नवरात्रि में इसका विशेष महत्व होता है।
  4. यह पाठ न केवल हिंदू धर्म में बल्कि अन्य समुदायों में भी काफी लोकप्रिय है।
  5. कई विद्वानों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति 40 दिनों तक लगातार चालीसा का पाठ करता है, तो उसे अपने जीवन में अवश्य सफलता मिलती है।
Jamuna college
Aditya