भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं और उन्हें देवताओं का वैद्य भी कहा गया है। समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश लेकर भगवान प्रकट हुए, तभी से उनका पूजन आरोग्य, दीर्घायु और निरोगी जीवन के लिए किया जाने लगा। इस लेख में हम आपको “धन्वंतरि आरती” के महत्व, उसकी विधि और लाभ के बारे में विस्तार से बताएंगे।
Dhanvantari Aarti
जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा…
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा,
॥जय धन्वंतरि देवा – जय धन्वंतरि जी देवा॥
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए…
देवासुर के संकट आकर दूर किए,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया…
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी…
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे…
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा…
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे…
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे,
॥ जय धन्वंतरि देवा – जय जय धन्वंतरि देवा॥
धन्वंतरि आरती केवल भक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक औषधि है जो जीवन से रोगों को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। जो श्रद्धा और विधिपूर्वक इस आरती का नियमित रूप से पाठ करता है, उसके जीवन में निरोगता, दीर्घायु और सुख-शांति बनी रहती है।
धन्वंतरि आरती की विधि
- प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक प्रज्वलित करें।
- पुष्प, फल, तुलसी पत्र और नैवेद्य अर्पित करें।
- धूप और दीप से भगवान की आरती करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- अंत में धन्वंतरि आरती श्रद्धा और भाव से गाएं।
धन्वंतरि आरती के लाभ
- आरोग्य की प्राप्ति – नियमित रूप से आरती करने से शारीरिक व मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
- आयुर्वेदिक ऊर्जा का संचार – शरीर में सात्विक ऊर्जा का संचार होता है जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- सकारात्मकता का वास – घर और मन में सकारात्मकता का संचार होता है।
- परिवार में स्वास्थ्य और सुख – पूरे परिवार की स्वास्थ्य रक्षा होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।