वाराणसी नगर निगम में एक जनसुनवाई के दौरान, अधिवक्ताओं और नगर आयुक्त के बीच तीखी बहस हो गई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी सरकारी और मंदिर की जमीन को अन्य व्यक्तियों के नाम पर स्थानांतरित कर रहे हैं।
जनसुनवाई में उठे मुद्दे
जनसुनवाई के दौरान विभिन्न प्रकार की शिकायतें सामने आईं, जिनमें पाइप लाइन बिछाने, खाली प्लॉट की सफाई, अवैध निर्माण को रोकने, कूड़ा गाड़ियों को हटवाने, इंटरलॉकिंग कराने और मिनी ट्यूबवेल की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव शामिल थे। हालांकि, किसी भी शिकायत का समाधान नहीं हुआ।
अधिवक्ताओं ने लगाए गंभीर आरोप
बनारस बार के पूर्व महामंत्री अधिवक्ता नित्यानंद राय और सदस्य मिलिंद श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारियों ने सरकारी और मंदिर की जमीनों को गलत तरीके से अन्य लोगों के नाम पर स्थानांतरित कर दिया। उनका आरोप है कि नगर आयुक्त ने मामले को गंभीरता से न लेकर उन्हें चैंबर से बाहर जाने और हिरासत में लेने का निर्देश दिया।
दो साल पुराने मामले पर विवाद
नित्यानंद राय ने आरोप लगाया कि दो साल पहले दशाश्वमेध जोन के जोनल अधिकारी ने राधाकृष्णजी और महादेवजी मंदिर की जमीन को जानबूझकर जावेद, आयशा खातून, और जमाल अख्तर के नाम पर स्थानांतरित कर दिया था। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है।
नगर आयुक्त का पक्ष
दूसरी ओर, नगर आयुक्त ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ और शिकायतों को नियमानुसार सुना गया है।