वाराणसी के हुकुलगंज इलाके में रहने वाली 67 वर्षीय नीना कौरा साइबर अपराधियों के शातिर जाल में फंस गईं। ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाया और 32 लाख 40 हजार रुपये की ठगी कर ली। घटना की शुरुआत एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल से हुई, जिसमें सुनील कुमार नामक व्यक्ति ने खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन का इंचार्ज बताते हुए, नीना पर सिंगापुर में ड्रग्स भेजने का फर्जी आरोप लगाया।
सुनील ने बुजुर्ग महिला को गिरफ्तारी का आदेश दिखाया और फिर उन्हें कथित सीबीआई अधिकारी अनिल यादव से जोड़ दिया। अनिल यादव ने नीना को गिरफ्तारी से बचाने के लिए 32 लाख रुपये की मांग की। नीना को धमकी दी गई कि यदि उन्होंने यह रकम नहीं दी तो उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डर और तनाव के चलते नीना ने ठगों के निर्देशों का पालन करते हुए बैंक से आरटीजीएस के जरिए रकम ट्रांसफर कर दी। जालसाजों ने रकम हासिल करने के बाद, व्हाट्सएप चैट से सभी संदेश और पहचान से जुड़ी जानकारी डिलीट कर दी और अपने नंबर बंद कर दिए। जब नीना ने यह बात अपने बेटे को बताई, तब उन्हें इस धोखाधड़ी का एहसास हुआ। बेटे ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है, लेकिन यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि साइबर अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को डराकर ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।