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दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से पाठ्यपुस्तकों की आवश्यकता पर मांगी जानकारी

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से पाठ्यपुस्तकों की आवश्यकता पर मांगी जानकारी
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दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा निदेशालय ने आगामी शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए पाठ्यपुस्तकों की जरूरत को लेकर सभी स्कूल प्रमुखों से जानकारी मांगी है। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को इस वर्ष की पाठ्यपुस्तकों की आवश्यकता को सही समय पर जमा करना होगा, ताकि आवश्यक आपूर्ति की योजना बनाई जा सके। विद्यालय प्रमुखों को 28 दिसंबर तक अपने स्कूलों के लिए पाठ्यपुस्तकों की सूची और आवश्यकता को ऑनलाइन सबमिट करना होगा। इसके बाद आवेदन की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, इसलिए इसे समय पर भरना जरूरी है।

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पाठ्यपुस्तकों की आवश्यकता और प्रक्रिया

दिल्ली में शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी स्कूलों को कक्षा 1 से 8 तक की पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत, स्कूलों को निर्धारित लिंक के माध्यम से अपने छात्रों की संख्या और पाठ्यपुस्तकों की आवश्यकता की जानकारी ऑनलाइन जमा करनी होगी।

इस प्रक्रिया के तहत, स्कूलों को निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना होगा:

  • कक्षा और छात्र संख्या: स्कूल प्रमुखों को अपनी स्कूल में हर कक्षा के लिए विद्यार्थियों की संख्या के बारे में सही जानकारी देनी होगी। इस आंकड़े के आधार पर पाठ्यपुस्तकों का आकलन किया जाएगा।
  • पाठ्यपुस्तकों की सूची: शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से यह भी पूछा है कि वे किस कक्षा के लिए कौन सी पाठ्यपुस्तकों की जरूरत महसूस करते हैं। प्रत्येक कक्षा के लिए किताबों की सूची तैयार कर उन्हें ऑनलाइन सबमिट करना होगा।
  • अंतिम तिथि: आवेदन की प्रक्रिया 28 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। यदि आवेदन समय पर नहीं किए गए, तो स्कूलों को पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति में देरी हो सकती है।
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समग्र शिक्षा विभाग का लक्ष्य

समग्र शिक्षा विभाग के तहत, दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के दौरान सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को उनकी आवश्यक पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति सही समय पर की जा सके। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जिसके लिए पाठ्यपुस्तकें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पाठ्यपुस्तकों का समय पर वितरण न केवल छात्रों की पढ़ाई में मदद करेगा, बल्कि शिक्षकों के लिए भी शिक्षण कार्य को सुगम बनाएगा। सही सामग्री और किताबों की उपलब्धता से शिक्षक अपने पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं और बच्चों के लिए सीखने के अनुभव को आकर्षक बना सकते हैं।

स्कूल प्रमुखों को क्या करना होगा?

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में स्कूल प्रमुखों की अहम भूमिका होगी। उन्हें छात्रों की संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तकों की सही संख्या का अनुमान लगाना होगा और उसे ऑनलाइन जमा करना होगा।

स्कूल प्रमुखों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे:

  • छात्र लॉगिन मॉड्यूल का उपयोग करके लिंक सक्रिय करें।
  • कक्षा 1 से 8 तक के प्रत्येक वर्ग के लिए पाठ्यपुस्तकों की सूची और आवश्यकता को सही तरीके से भरें।
  • 28 दिसंबर तक आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें, क्योंकि उसके बाद आवेदन की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

कैसे मददगार होगा यह कदम?

  • समय पर आपूर्ति: समय पर पाठ्यपुस्तकों का वितरण छात्रों की पढ़ाई को न केवल प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि स्कूलों में शिक्षण प्रक्रिया भी सुगम बनी रहेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को किताबों के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़े।
  • आवश्यकता के अनुसार वितरण: शिक्षा निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पाठ्यपुस्तकों की संख्या स्कूलों की वास्तविक आवश्यकता के अनुरूप हो। इससे किसी भी स्कूल को अतिरिक्त या कम किताबें नहीं मिलेंगी।
  • शिक्षकों के लिए सहारा: जब स्कूलों में पाठ्यपुस्तकें समय पर उपलब्ध होती हैं, तो यह शिक्षकों के लिए भी सहायक होता है। वे अपने पाठ्यक्रम को बिना किसी बाधा के पढ़ा सकते हैं और बच्चों को अच्छे से समझा सकते हैं।
Jamuna college
Aditya