हुकुलगंज के पार्षद बृजेश चंद्र श्रीवास्तव ने आज सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का निरीक्षण किया, जहां से वरुणापार क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। यह कदम उन्होंने गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायतों के मद्देनजर उठाया।
निरीक्षण के दौरान, पार्षद ने सारनाथ प्लांट से पानी की आपूर्ति की प्रक्रिया को बारीकी से समझा। उन्होंने बताया कि चंद्रावती से गंगा का पानी पंपिंग द्वारा प्लांट में लाया जाता है, जहां उसे लगभग 10 चरणों में फिल्टर किया जाता है। इसके बाद, यह पानी वरुणापार के विभिन्न ओवरहेड टैंकों में सप्लाई किया जाता है।
हालांकि, निरीक्षण के दौरान, पार्षद को पता चला कि प्लांट से स्वच्छ पानी की आपूर्ति के बावजूद, उपभोक्ताओं को गंदा पानी मिल रहा है। प्लांट इंचार्ज शत्रुघ्न गुप्ता ने बताया कि इस समय बरसात के कारण पानी में केमिकल की मात्रा बढ़ा दी गई है, जिससे पानी के स्वाद में कुछ बदलाव आया है।
पार्षद बृजेश चंद्र श्रीवास्तव ने गंदे पानी की आपूर्ति का सबसे बड़ा कारण जल निगम और जलकल द्वारा पहले से बिछाई गई पुरानी पाइप लाइनों में हो रही लीकेज को माना। उन्होंने जलकल विभाग से इन जीर्ण-शीर्ण पाइप लाइनों को बदलने का आग्रह करते हुए कहा कि जब तक इन टूटी-फूटी पाइप लाइनों को नहीं बदला जाता, तब तक सारनाथ डब्ल्यूटीपी से वरुणापार के लोगों को स्वच्छ पानी की आपूर्ति संभव नहीं है।
इस निरीक्षण के दौरान भाजपा नेता रविशंकर पटेल और संतोष सेठ भी मौजूद रहे।