अपने पैतृक भूमि पर कई पीढ़ियों से परंपराओं और समाज सेवा का पालन करते हुए, इस परिवार ने न केवल धार्मिक कार्यों में भाग लिया है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल दर साल इस परिवार द्वारा आयोजित होने वाले दंगल और अन्य कार्यक्रम क्षेत्र में खासे प्रसिद्ध हैं, जिनमें शरद पूर्णिमा पर आयोजित तीन दिवसीय दंगल विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनता है, जिसमें हजारों लोग भाग लेने आते हैं।
इस परिवार के बड़े भाई और अन्य सदस्य इस परंपरा को बनाए रखते हुए धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी पैतृक भूमि पर एक सांई मंदिर बनवाया है, जहां हर बृहस्पतिवार को भंडारा आयोजित होता है। इसके साथ ही, श्री राम मंदिर में विशाल भंडारा और विवाह आयोजन होते हैं, जो समाज के लोगों को एकजुट करने का काम करते हैं।
इसके अलावा, इस परिवार ने शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्री गांधी विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रबंधक के रूप में, उन्होंने कमजोर और जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की है, साथ ही उन्हें किताबें और वस्त्र भी प्रदान किए जाते हैं।
साल में एक बार भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं के तहत निशुल्क शिविर और बेरोजगारी मेला आयोजित किए जाते हैं, जहां क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसके अतिरिक्त, कृषि मेला और मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा आयोजित बेरोजगार मेले भी क्षेत्रवासियों के लिए लाभकारी साबित होते हैं।
इस तरह से, यह परिवार न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान दे रहा है, जो पिछले कई दशकों से जारी है। उनके प्रयासों से यह साफ है कि विकास के रास्ते पर उनका परिवार लगातार अग्रसर है।