
धीना: बृहस्पतिवार को क्षेत्र में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया, जब पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। इस बदलाव ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है, क्योंकि ओलावृष्टि के कारण कई इलाकों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों तक यही मौसम बना रहेगा।
सुबह करीब सात बजे के आस-पास, जब लोग अपनी नींद से जागे, तो आसमान में काले बादल छाए हुए थे और तेज गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। जिले के कई क्षेत्रों में किसानों के लिए यह एक कड़ी परीक्षा साबित हुई। खासकर चहनिया, धानापुर और आसपास के इलाकों में अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि ने सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाया। किसानों की मेहनत पर यह प्रतिकूल प्रभाव डालते हुए कई खेतों में सरसों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुआ है, जो उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर सक्रिय हो गया है। कृषि विज्ञान केंद्र, बेजवां के मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में गिरावट आई है और बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो रही है, जिससे किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने किसानों से सलाह दी कि वे अपनी कटी हुई सरसों की फसल को छायादार स्थान पर रखकर उसे नुकसान से बचाने की कोशिश करें।
मौसम विभाग के मुताबिक, यह खराब मौसम 23 मार्च तक बना रहेगा। इस दौरान किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, ताकि वे अपने खेतों को बचाने के लिए उचित कदम उठा सकें। फसल के नुकसान की संभावना को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों को अपनी फसलों को बचाने के उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है।
इस मौसम परिवर्तन ने क्षेत्र के किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं, क्योंकि वे अब तक की मेहनत के बाद अपने फसलों को नुकसान होते देख रहे हैं। अब उन्हें उम्मीद है कि मौसम जल्द ही सामान्य होगा और वे अपनी फसल की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठा सकेंगे।