Devotional

देवी कूष्मांडा के दर्शन को उमड़े भक्त, भोर से ही लगी कतार

देवी कूष्मांडा के दर्शन को उमड़े भक्त, भोर से ही लगी कतार

वाराणसी। नवरात्र के चौथे दिन आदिशक्ति के कूष्मांडा स्वरूप की आराधना की जाती है। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भोर से ही भक्तों की कतार लग गई। भक्त लाइन में लगकर मां के दर्शन-पूजन कर रहे हैं। दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहेगा। ऐसी मान्यता है कि मां के दर्शन से सभी पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर मां कुष्मांडा को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी भगवती के कूष्मांडा स्वरूप ने ही सृष्टि का विस्तार किया था। देवी कूष्मांडा प्रकृति…
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चैत्र नवरात्री में घट स्थापना-मुहूर्त एवं पूजन विधि

चैत्र नवरात्री में घट स्थापना-मुहूर्त एवं पूजन विधि

प्रतिवर्ष की भांति इसवर्ष भी हिंदुओ के प्रमुख त्योहारो में से एक चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाएगा। इस वर्ष 2024 में चैत्र नवरात्रों का आरंभ 09 अप्रैल (मंगलवार) से होगा और 17 अप्रैल बुधवार तक व्रत उपासना का पर्व मनाया जाएगा। इस बार किसी भी तिथि का क्षय नहीं होने से नवरात्र का महोत्सव पूरे नौ दिन का होगा तथा 18 अप्रैल दशमी के दिन श्रीदुर्गा विसर्जन किया जाएगा। दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है अत: यह नवरात्र घट स्थापना प्रतिपदा तिथि को 09 अप्रैल (मंगलवार) के दिन की…
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नौ अप्रैल से शुरू होगा चैत्र नवरात्र

नौ अप्रैल से शुरू होगा चैत्र नवरात्र

पहले दिन बन रहे हैं अमृत सिद्धि, शश और सर्वार्थ सिद्धि योग~~~~~चैत्र प्रतिपदा के साथ ही नवसंवत्सर पिंगल की शुरुआत होगी। नवसंवत्सर के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे। हिंदू नववर्ष की शुरुआत पर तीन राजयोग भी बन रहा है। इसके साथ ही मां गौरी की आराधना का नौ दिवसीय महापर्व चैत्र नवरात्र के व्रत भी आरंभ हो जाएंगे। शिव की नगरी काशी गौरी की आराधना में तल्लीन होगी ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, संवत 2081 में आठ अप्रैल को सोमवार की रात्रि में 11:55 बजे चैत्र प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और अगले दिन यानी नौ अप्रैल को रात 8:30 बजे…
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अन्नपूर्णा मंदिर के महंत ने भेंट किया बंगीय शैली का देवकिरीट

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत ने भेंट किया बंगीय शैली का देवकिरीट

वाराणसी। काशी में 20 मार्च को होने वाले रंगभरी एकादशी के उत्सव में बंगीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस वर्ष शिव और गौरा अपने शीर्ष पर बंगीय देवकिरीट धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। गौरा के गौना के मौके पर निकाली जाने वाली पालकी यात्रा के दौरान बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती देवी पार्वती के सिर पर बंगीय शैली का देवकिरीट सुशोभित होगा।यह देवकिरीट अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी महाराज ने खासतौर पर बंगाल से बनवा कर मंगाया है। पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया बाबा विश्वनाथ और माता गौरा के गौना…
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मथुरा के कैदियों का तैयार किया गया गुलाल काशीपुराधिपति को होगा अर्पित

मथुरा के कैदियों का तैयार किया गया गुलाल काशीपुराधिपति को होगा अर्पित

तीन पुरीयों का गुलाल चढ़ेगा बाबा के भाल -अयोध्या और मथुरा के हर्बल गुलाल से काशी में होगी होली की शुरूआत-मथुरा के कैदियों का तैयार किया गया गुलाल काशीपुराधिपति को होगा अर्पित-अयोध्या के कर्मकांडी ब्राह्मण आचार्य अनिल तिवारी भेजेंगे अबीर-गुलाल वाराणसी। रंगभरी एकादशी पर 20 मार्च को टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से निकाली जाने वाली काशी बाबा विश्वनाथ की पालकी यात्रा में इस बार अयोध्या और मथुरा के गुलाल की वर्षा भी होगी। अयोध्या से राम भक्त मंडली द्वारा तैयार विशेष अबीर-गुलाल आएगा। वहीं मथुरा कारागार के बंदियों द्वारा तैयार हर्बल अबीर बाबा को अर्पित किया जाएगा।महंत परिवार के प्रतिनिधि…
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अनूप जलोटा के भजनों से गुंजायमान हुआ मणि मंदिर

अनूप जलोटा के भजनों से गुंजायमान हुआ मणि मंदिर

अनूप जलोटा के भजनों से गुंजायमान हुआ मणि मंदिर वाराणसी। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की तपोस्थली धर्मसंघ, दुर्गाकुण्ड में स्थापित मणि मंदिर के चतुर्थ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का बुधवार को भजन संध्या के साथ शुभारंभ हुआ। धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के पावन सानिध्य में शुरू हुए महोत्सव का प्रथम दिन भजन सम्राट अनूप जलोटा की प्रस्तुतियों के नाम रहा। उन्होंने सबसे पहले 'काशी बदली, अयोध्या बदली, अब मथुरा की बारी है' सुनाया तो समूचा प्रांगण हर हर महादेव के उदघोष से गूँज उठा। इसके बाद अपना प्रसिद्ध भजन 'बोलो राम राम राम' सुनाया, 'दुनिया चले…
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महंत आवास पर हुआ बाबा के विवाह का लोकाचार

महंत आवास पर हुआ बाबा के विवाह का लोकाचार

वाराणसी। महाशिवरात्रि पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ और माता गौरा की वर-वधु के रूप में राजसी शृंगार किया गया। दूल्हा बने बाबा की प्रतिमा को सेहरा लगाया गया था वही माता गौरा मदुरै से मंगवायी गई खास लाल लहंगे में सजीं। टेढीनीम महंत आवास पर साढ़े तीन सौ वर्ष वर्षो से भी अधिक समय से चली आ रही लोकपरंपरा के अनुसार महंत डॉ. कुलपति तिवारी के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने दोपहर में मातृका पूजन की परंपरा का निर्वाह किया। पारंपरिक वैवाहिक गीतों की गूंज इस दौरान होती रही। इसके बाद करीब चार सौ साल पुराने स्फटिक के शिवलिंग को आंटे…
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भगवान शिव का साक्षी बनने काशी में उमड़े शिव भक्त, विश्वनाथ धाम में लगी लंबी कतार

भगवान शिव का साक्षी बनने काशी में उमड़े शिव भक्त, विश्वनाथ धाम में लगी लंबी कतार

बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर पहुंचे भक्तों को वर्ष 1993 के बाद व्यास जी के तहखाने का झांकी दर्शन मिल रहा है। करीब 30 वर्षों के बाद … वाराणसी। महाशिवरात्रि के महापर्व पर महादेव की नगरी काशी में देशभर से शिव भक्त विश्वनाथ धाम पहुंच दर्शन -पूजन कर रहे है। मां पार्वती के साथ महादेव के विवाह उत्सव का साक्षी बनने के लिए लाखों की संख्या में उमड़े शिवभक्तों का जत्था विश्वनाथ धाम के स्वर्ण मंडित गर्भ गृह में निभाई जाने वाले विवाह के लोकाचार में शामिल होकर खुद को धन्य मान रहे है। वही बाबा विश्वनाथ…
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10 मई को खोले जाएंगे केदारनाथ धाम के कपाट; बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने महाशिवरात्रि पर घोषणा की

10 मई को खोले जाएंगे केदारनाथ धाम के कपाट; बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने महाशिवरात्रि पर घोषणा की

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर घोषणा की है कि केदारनाथ के द्वार 10 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खुलेंगे। घोषणा BKTC अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में की। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंदिर समिति की एक टीम यात्रा से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंदिर का दौरा करेगी।
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महंत आवास पर हुई बाबा की हल्दी, गाए गए मंगल गीत

महंत आवास पर हुई बाबा की हल्दी, गाए गए मंगल गीत

लोकाचार के दौरान बाबा को ठंडई, पान और पंचमेवा का लगाया गया भोग वाराणसी। महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह के उत्सव का क्रम बुधवार से विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ हो गया। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के रजत विग्रह का प्रतीक आगमन हुआ। अयोध्या के रामायणी पं. वैद्यनाथ पांडेय के परिवार से भेजी गई हल्दी संध्याबेला में शिव को लगाई गई। बाबा को खास बनारसी ठंडई, पान और पंचमेवा का भोग लगाया गया।इसके पूर्व बसंत पंचमी पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ की प्रतिमा  तिलकोत्सव हुआ था। हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में…
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