उत्तर प्रदेश के मेडिकल छात्रों के लिए योगी सरकार की एक बड़ी पहल के तहत प्रदेश के पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस की पढ़ाई को मंजूरी दे दी गई है। इन मेडिकल कॉलेजों को 100-100 सीटों पर छात्रों के प्रवेश की अनुमति मिली है। यह कॉलेज गोंडा, कौशांबी, चंदौली, लखीमपुर खीरी, और औरैया में स्थित हैं। इसके साथ ही कानपुर देहात और ललितपुर के मेडिकल कॉलेजों में 50-50 सीटों की बढ़ोतरी की गई है।
कुल 600 नई एमबीबीएस सीटों का सृजन
इस घोषणा के तहत कुल 600 नई एमबीबीएस सीटों को जोड़ा गया है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए अब तक 1872 एमबीबीएस सीटों को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें 1200 सीटें 12 अन्य मेडिकल कॉलेजों में जोड़ी गई हैं।
निजी क्षेत्र और सरकारी कॉलेजों में भी सीटों की बढ़ोतरी
पीपीपी मोड पर स्थापित अजय सांगल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस शामली और केएमसी मेडिकल कॉलेज महाराजगंज को 150-150 सीटें मिली हैं, जबकि श्री सिद्धि विनायक मेडिकल कॉलेज संभल को 50 सीटें आवंटित की गई हैं।
इसके अलावा, गोरखपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 50 सीटों के लिए एलओपी (लेटर ऑफ प्रोटेक्शन) प्राप्त किया गया है। जीएस मेडिकल कॉलेज हापुड़ में भी 100 सीटों को बढ़ाकर 250 कर दिया गया है।
7 अन्य मेडिकल कॉलेजों को पहले ही मिली मंजूरी
31 जुलाई को बिजनौर, कुशीनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत, और सुल्तानपुर को 100-100 एमबीबीएस सीटों की मंजूरी मिली थी, जबकि कानपुर देहात और ललितपुर में 50-50 सीटों की बढ़ोतरी की गई थी।
यह पहल उत्तर प्रदेश के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।