

“भाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा” एक अत्यंत लोकप्रिय कन्नड़ भक्ति गीत है, जो देवी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए गाया जाता है। यह भजन विशेष रूप से दक्षिण भारत में प्रसिद्ध है और अब पूरे भारत में लोग इसे श्रद्धा और विश्वास से गाते हैं। इस गीत के माध्यम से हम माँ लक्ष्मी से जीवन में सौभाग्य, धन-संपत्ति और शांति की प्रार्थना करते हैं। इस लेख में हम आपको इस भजन के लिरिक्स, पाठ की विधि और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

भाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा लिरिक्स
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
हेज्जया मेले हेज्जेयानिक्कुटा,
गेज्जे कलगला ध्वनिया मदुथा,
सज्जन साधु पूज्य वेलेगे,
मज्जिगेयोलागिना बेनी यंते।।
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
कनक वृष्टिय करेयुता नंगे,
मन कामनाय सिद्धिया थोरे,
दिनाकरा कोटि तेजदि होलेवा,
जनकरायण कुमारी बेगा।।
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
अत्तित्तगलादे भक्तरा मनेयलि,
नित्य महोत्सव नित्य सुमंगला,
सत्यव तोरुव साधु सज्जनरा,
चित्तदि होलेवा पुत्तलि बोम्बे।।
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
सांख्ये इल्लादा भाग्यव कोट्टू,
कंकणा कय्या तिरुवुता नंगे,
कुंकुमानकिथे पंकजा लोचने,
वेंकटरमनाना बिनकड़ा रानी।।
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
सक्करे तुप्पादा कलुवे हरिसि,
शुक्रवराध पूजय वेलेगे,
अक्करेयुल्ला अलागिरी रंगना,
चोक्का पुरंदरा विठलाना रानी।।
भाग्यदा लक्ष्मी बरम्मा,
नम्माम्मा नी,
सौभाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा।।
“भाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा” एक सरल, मधुर और प्रभावशाली भजन है, जो माँ लक्ष्मी की असीम कृपा पाने का एक सुंदर माध्यम है। जो भी भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक इसका गायन करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। आप भी इस भजन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और माँ लक्ष्मी जी की कृपा से अपना भाग्य जगाएं।
भाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा पाठ की विधि
- प्रतिदिन या शुक्रवार के दिन इस भजन का पाठ करें।
- माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं।
- सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
- सफेद पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
- इस भजन को कम से कम 3 बार श्रद्धा से गायें।
- अंत में लक्ष्मी जी की आरती करें।
भाग्यदा लक्ष्मी बारम्मा भजन के लाभ
- धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- गृह लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
- दैनिक जीवन में सुख-शांति आती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- व्यवसाय और करियर में वृद्धि होती है।
- घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक रहता है।