Ashu

825 Posts
magbo system
रुद्र गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा: दिव्य शक्ति का मार्ग

रुद्र गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा: दिव्य शक्ति का मार्ग

रुद्र गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा, दोनों ही सनातन धर्म के अत्यंत प्रभावशाली और पूजनीय मंत्र हैं। इनका जाप व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है। रुद्र गायत्री मंत्र भगवान शिव के रुद्र रूप को प्रसन्न करने वाला मंत्र है, जबकि गायत्री चालीसा हमें देवी गायत्री की उपासना में सहायता प्रदान करती है। इस लेख में हम इन दोनों के महत्व, विधि और लाभ के बारे में जानेंगे। मंत्र "ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि,तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्" रुद्र गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा दोनों ही मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली हैं और उनके नियमित पाठ से जीवन में अपार खुशियाँ…
Read More
शिव गायत्री मंत्र : एक दिव्य साधना का मार्ग

शिव गायत्री मंत्र : एक दिव्य साधना का मार्ग

शिव गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा दोनों ही शिव भगवान की आराधना के सबसे शक्तिशाली और प्रभावी साधनों में से एक हैं। ये दोनों मंत्र और चालीसा भगवान शिव के शरण में जाने और उनकी अनंत कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत ही प्रभावी माने जाते हैं। शिव गायत्री मंत्र के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मुक्ति की प्राप्ति कर सकता है, वहीं गायत्री चालीसा का पाठ करने से भी अद्भुत लाभ मिलते हैं। इस लेख में हम शिव गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा की विधि और लाभ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। मंत्र…
Read More
शनि गायत्री मंत्र और शनि चालीसा: महत्व, विधि और लाभ

शनि गायत्री मंत्र और शनि चालीसा: महत्व, विधि और लाभ

परिचयशनि देव की पूजा भारतीय सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। शनि देव के बारे में कहा जाता है कि वे कर्मफल दाता हैं, और वे अपनी उपस्थिति से जीवन में उतार-चढ़ाव लाते हैं। उनके प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए शनि गायत्री मंत्र और शनि चालीसा का पाठ एक प्रभावी उपाय माना जाता है। इन दोनों का सही तरीके से पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मंत्र ॐ भग-भवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात् ॥ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात् शनि…
Read More
पितृ गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा: पितृ दोषों की शांति और मोक्षा की चाबी

पितृ गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा: पितृ दोषों की शांति और मोक्षा की चाबी

हमारी हिंदू संस्कृति में पितृ का अर्थ कुल जनों की आत्मा की श्र्द्धा और कृतज्ञा के लिए की जाती है उन्हें पितृ दोष कहेते हैं। जब एक जन अपनी जीवन की दिक्कता बन्द बन्ध लगती है, तब पितृ की शांति और दोष की पूर्णा के लिए गायत्री चालीसा और पितृ गायत्री मंत्र की पाठ अनिवार्य और दिव्य पाथ है। गायत्री मंत्र ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च ।नमः स्वाहायै स्वाधायै नित्यमेव नमो नमः ॥ॐ पितृभ्यो नमः ॥ जो भक्त पितृ गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा की श्रद्धा से पाठ करता है, उसे और ओओर कुल जन्मों की और पितृ दोषों…
Read More
विष्णु गायत्री मंत्र : एक दिव्य साधना की पूर्ण जानकारी

विष्णु गायत्री मंत्र : एक दिव्य साधना की पूर्ण जानकारी

सनातन धर्म में भगवान विष्णु को संपूर्ण सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। उनके नाम का जाप और स्तुति जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती है। 'विष्णु गायत्री मंत्र' और 'गायत्री चालीसा' दो ऐसे दिव्य स्तोत्र हैं, जो न केवल आध्यात्मिक लाभ देते हैं, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मशुद्धि में भी सहायक होते हैं। इस लेख में हम विष्णु गायत्री मंत्र, गायत्री चालीसा, उनकी विधि और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे। गायत्री मंत्र "ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥" विष्णु गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा दोनों ही ऐसे दिव्य साधन हैं,…
Read More
लक्ष्मी गायत्री मंत्र : सुख, समृद्धि और शुद्ध ऊर्जा के लिए दिव्य साधना

लक्ष्मी गायत्री मंत्र : सुख, समृद्धि और शुद्ध ऊर्जा के लिए दिव्य साधना

धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके विभिन्न मंत्रों और स्तुतियों का पाठ विशेष प्रभावशाली माना जाता है। Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi और Gayatri Chalisa जैसे पवित्र स्त्रोत हमारे जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, धन वैभव और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। यह लेख माँ लक्ष्मी की गायत्री मंत्र और माँ गायत्री की चालीसा के महत्व, विधि और लाभ पर केंद्रित है। मंत्र ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्॥ जो भी श्रद्धा और निष्ठा के साथ लक्ष्मी गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा का पाठ करता है, उसके जीवन…
Read More
गायत्री चालीसा: आध्यात्मिक शक्ति और शुद्ध बुद्धि की साधना

गायत्री चालीसा: आध्यात्मिक शक्ति और शुद्ध बुद्धि की साधना

गायत्री माता वेदों की जननी और ब्रह्मज्ञान की प्रतीक मानी जाती हैं। गायत्री चालीसा का पाठ साधक को न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है। इस लेख में हम आपको Gayatri Chalisa के महत्व, पाठ विधि और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे। ।।दोहा।।हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ।।जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ।।॥ चालीसा ॥भूर्भुवः स्वः ओम युत जननी ।गायत्री नित कलिमल दहनी ।। अक्षर चौबिस परम पुनीता ।इनमें बसें शास्त्र,…
Read More
सुंदरकांड स्तोत्र: श्रीराम भक्ति का जीवन्त स्वरूप

सुंदरकांड स्तोत्र: श्रीराम भक्ति का जीवन्त स्वरूप

सुंदरकांड स्तोत्र, श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी के पराक्रम, भक्ति और बुद्धिमत्ता का दिव्य संग्रथन है। इसका पाठ करने से जीवन के समस्त संकट, भय, रोग और बाधाएँ दूर हो जाती हैं। यह स्तोत्र भक्त को राम नाम में लीन करता है और आत्मबल प्रदान करता है। सुन्दरकाण्ड ॐ श्री गणेशाय नमः। श्रीजानकीवल्लभो विजयते,श्रीरामचरितमानस पञ्चम सोपान श्री सुन्दरकाण्ड। श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं।ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥1 ॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये।सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा॥भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे,कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥2॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं।दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्॥सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥3॥ चौपाई जामवंत के बचन सुहाए, सुनि हनुमंत…
Read More
गायत्री मंत्र जाप: आध्यात्मिक उन्नति का दिव्य मार्ग

गायत्री मंत्र जाप: आध्यात्मिक उन्नति का दिव्य मार्ग

गायत्री मंत्र को वेदों की जननी कहा जाता है। यह मंत्र केवल एक स्तुति नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने और चेतना को जागृत करने का एक अत्यंत प्रभावशाली साधन है। ॐ भूर्भुवः स्वः… से शुरू होने वाला यह मंत्र ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियों को समाहित करता है। इस लेख में हम Gayatri Mantra Chanting की विधि, लाभ और उसका आध्यात्मिक महत्व विस्तार से जानेंगे। गायत्री मंत्र ॐ भूर्भुवः स्व:, तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो,देवस्य धीमहि, धियो यो नः प्रचोदयात् । गायत्री मंत्र केवल शब्दों का समुच्चय नहीं है, यह एक चेतन शक्ति है जो जीवन में उजाला भर देती…
Read More
गायत्री मंत्र किसने लिखा: जानिए इसके लेखक, विधि और लाभ

गायत्री मंत्र किसने लिखा: जानिए इसके लेखक, विधि और लाभ

गायत्री मंत्र वैदिक युग का सबसे शक्तिशाली और पवित्र मंत्र माना जाता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है बल्कि मानसिक शांति, ध्यान और आत्मज्ञान की दिशा में भी मार्गदर्शन करता है। Who wrote Gayatri Mantra इस प्रश्न के उत्तर के साथ हम इस लेख में गायत्री मंत्र के रचयिता, इसका जप करने की विधि और इससे प्राप्त होने वाले चमत्कारी लाभों की चर्चा करेंगे। मंत्र ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं,भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। महर्षि विश्वामित्र द्वारा रचित गायत्री मंत्र केवल एक वैदिक मंत्र नहीं, बल्कि एक संपूर्ण साधना है। यह मंत्र हर युग में,…
Read More