डॉ. जे के तोमर का संबोधन: चावल अनुसंधान और दक्षिण एशिया में सुधार की दिशा

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चांदपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित सम्मेलन के तीसरे दिन डॉ. जे के तोमर ने प्रमुख संबोधन दिया। उन्होंने दक्षिण एशिया में चावल की खेती और उसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे अनुसंधान प्रयासों पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. तोमर ने बताया कि चावल के उत्पादन में सुधार के लिए उन्नत किस्मों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, और समग्र कृषि पद्धतियों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों के लिए बेहतर बीज, सटीक कृषि प्रौद्योगिकियों और जल प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

इसके साथ ही डॉ. तोमर ने चावल उत्पादन में वृद्धि के लिए साझेदारी और सहयोग की अहमियत पर भी जोर दिया। उनका मानना था कि सरकारी, निजी और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के बीच सहयोग से ही इस क्षेत्र में वास्तविक प्रगति हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि चावल अनुसंधान केवल उत्पादकता बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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