नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार तेजी देखने को मिली। बीते सप्ताह की गिरावट के बाद सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल आया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से अधिक उछलकर 78,600 के पार पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 200 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ 23,800 के करीब पहुंच गया।
इस तेजी का श्रेय वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक रुख को दिया जा रहा है। इसके साथ ही, अदाणी समूह के शेयरों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया, जो निवेशकों के बीच एक सकारात्मक माहौल पैदा कर रहा था।
बाजार की चाल और शुरुआती कारोबार
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान पर खुले, जहां सेंसेक्स 628.34 अंक (0.80%) की बढ़त के साथ 78,669.93 पर पहुंचा और निफ्टी 219 अंक (0.93%) बढ़कर 23,806.50 पर पहुंचा। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक हरे निशान पर कारोबार करते नजर आए।
प्रारंभिक कारोबार के दौरान सेंसेक्स 447.05 अंक (0.57%) की बढ़त के साथ 78,488.64 पर और निफ्टी 150.70 अंक (0.64%) की बढ़त के साथ 23,738.20 पर खुला था। फिर कुछ ही समय बाद, दोनों सूचकांकों में और तेजी आई, और सेंसेक्स 451.85 अंक (0.58%) की बढ़त के साथ 78,493.44 पर कारोबार करने लगा। निफ्टी भी 185.45 अंक (0.79%) की उछाल के साथ 23,772.95 पर पहुंच गया।
इस वृद्धि को लेकर विश्लेषक मानते हैं कि विदेशी बाजारों से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं और साथ ही भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजों में अच्छे आंकड़े देखने को मिल रहे हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
अदाणी समूह में उछाल
बाजार में अदाणी समूह के शेयरों में भी एक अच्छी वृद्धि देखी गई। अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी पोर्ट्स जैसे प्रमुख शेयरों में वृद्धि ने बाजार को और भी मजबूत किया। इन शेयरों में निवेशकों ने तेजी से खरीदारी की, जिससे कंपनी की बाजार में स्थिति मजबूत हुई। यह देखा जा सकता है कि निवेशकों ने समूह के शेयरों को सकारात्मक रूप से देखा है और उनके बीच जबरदस्त उत्साह है।
वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों का प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार में यह तेजी वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक रुख के बाद देखने को मिली। वॉल स्ट्रीट पर पिछले सप्ताह अच्छी वृद्धि दर्ज की गई थी, और एशियाई बाजार भी सकारात्मक संकेत दे रहे थे। इसके कारण भारतीय निवेशकों को भरोसा हुआ कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है, जिससे घरेलू बाजार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि वॉल स्ट्रीट पर टेक कंपनियों के अच्छे परिणामों और चीन से मिल रहे आर्थिक संकेतों ने बाजार में उत्साह पैदा किया है। यह उत्साह भारतीय बाजार में भी देखने को मिला, जहां निवेशकों ने खरीदारी की और बाजार में तेजी दर्ज की गई।
रुपये की स्थिति: डॉलर के मुकाबले स्थिर
रुपया भी सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर रहा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.02 पर खुला और फिर 85.04 पर स्थिर हो गया। शुक्रवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से कुछ संभलते हुए 85.04 पर बंद हुआ था।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी कोषों की निकासी की वजह से रुपये में हल्की दबाव बनी हुई है। हालांकि, अब तक यह दबाव बहुत अधिक नहीं रहा है और रुपये ने डॉलर के मुकाबले स्थिरता बनाए रखी है।
निवेशकों का रुख और बाजार के प्रति उत्साह
सोमवार के कारोबार के दौरान, भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का रुख सकारात्मक था। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक में तेजी देखी गई, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल बना। एक ओर जहां घरेलू निवेशक बाजार में खरीदारी कर रहे थे, वहीं विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार को लेकर आशावादी नजर आ रहे थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक बाजार में इस तरह का सकारात्मक रुख जारी रहा, तो भारतीय शेयर बाजार में और भी तेजी देखी जा सकती है। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आंकड़े और कंपनियों के अच्छे परिणामों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जो बाजार की गति को बनाए रखने में सहायक साबित हो सकते हैं।
अच्छी बढ़त के बावजूद सतर्कता बरतने की सलाह
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में इस प्रकार की तेजी के बावजूद निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और अर्थव्यवस्था के कुछ जोखिमों को देखते हुए, निवेशकों को अपनी रणनीतियों को ध्यान से तय करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि बाजार में तेजी दिख रही है, लेकिन यह कभी-कभी अस्थिर भी हो सकता है। इसलिए निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखते हुए निवेश करना चाहिए।
आखिरकार, क्या भविष्य में और तेजी देखने को मिलेगी?
अगर वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुझान बना रहता है, तो भारतीय शेयर बाजार में आने वाले दिनों में और तेजी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों के मजबूत तिमाही परिणाम और सरकार की विकासोन्मुख नीतियों का प्रभाव भी बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
निवेशकों को यह समझना होगा कि बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक होते हैं, लेकिन लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की स्थिति बेहतर होने की संभावना है। साथ ही, अगर अमेरिकी डॉलर और रुपये के बीच संतुलन बना रहता है, तो यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छे संकेत हो सकता है।