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महाकुंभ 2025: काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन में बदलाव, सिर्फ झांकी दर्शन होंगे

काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन में बदलाव
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महाकुंभ 2025 के दौरान काशी (वाराणसी) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी, क्योंकि हर साल की तरह इस बार भी देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचेंगे। काशी, जो हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, महाकुंभ के आयोजन के कारण और भी प्रमुख हो जाएगा। इस बार के महाकुंभ में भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिससे उन्हें बाबा विश्वनाथ के सीधे दर्शन की बजाय झांकी दर्शन का अनुभव होगा। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान

महाकुंभ के दौरान काशी में बढ़ी हुई भीड़ को देखते हुए, प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। काशी में होने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। यात्रियों की संख्या के हिसाब से पुलिस बल, स्थानीय प्रशासन और धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। सुरक्षा इंतजाम के तहत सीसीटीवी कैमरे, धारा 144 लागू करना, और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

बाबा विश्वनाथ के दर्शन में बदलाव

इस बार महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के मंदिर में सीधे प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। भक्तों को केवल मंदिर में स्थापित की गई झांकी का दर्शन करने का मौका मिलेगा। यह निर्णय सुरक्षा और भीड़-भाड़ को नियंत्रण में रखने के लिए लिया गया है। मंदिर के भीतर अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्र होने से दुर्घटनाओं और असमाजिक तत्वों द्वारा अनुशासनहीनता की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने दर्शन की प्रक्रिया में बदलाव किया है ताकि धार्मिक स्थल पर भक्तों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और उनके लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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धाम में रहेंगे खास इंतजाम

काशी धाम के मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों में यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। पहले से ही काशी के विभिन्न मंदिरों, जैसे बाबा विश्वनाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर, और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इन स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा सुविधाएं, और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजा पद्धतियां, भव्य आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। इन सब व्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठान और पूजा को शांति से कर सकेंगे।

होटल और आवास सुविधाएं

महाकुंभ के दौरान काशी में यात्रियों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी। ऐसे में आवास की समस्या एक प्रमुख मुद्दा बन सकती है। काशी के होटलों और धर्मशालाओं में पहले से ही रुकने के लिए आरक्षण शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने होटल मालिकों और निजी आवास व्यवस्थाओं के साथ मिलकर उचित प्रबंध किए हैं, ताकि सभी श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त आवास उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही, काशी में सार्वजनिक परिवहन, जैसे बसों और टैक्सी सेवाओं के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी, ताकि श्रद्धालु आसानी से मंदिरों और घाटों तक पहुंच सकें।

महाकुंभ की तैयारियों में स्थानीय प्रशासन की भूमिका

काशी महाकुंभ के आयोजन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका बेहद अहम होगी। जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन और अन्य सरकारी विभाग इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो चुके हैं। प्रशासन ने एक रणनीति तैयार की है, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ को संतुलित करना, सुरक्षा के इंतजाम, और सार्वजनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराना प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। इसके साथ ही, प्रशासन धार्मिक स्थलों और घाटों पर मार्गदर्शन, सूचना केंद्र, और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था भी करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन

महाकुंभ केवल धार्मिक अनुष्ठानों का ही आयोजन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी एक बड़ा अवसर है। काशी में महाकुंभ के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संगीत, नृत्य और धार्मिक भजन-कीर्तन प्रमुख होंगे। श्रद्धालु इन कार्यक्रमों में भाग लेकर धर्म और संस्कृति का अनुभव कर सकेंगे। विशेष रूप से विश्वनाथ मंदिर के आसपास होने वाली भव्य आरती और संकीर्तन कार्यक्रम काशी के धार्मिक वातावरण को और भी भक्तिमय बनाएंगे।

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