उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया की आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के तहत जारी सेमीकंडक्टर नीति प्रदेश और देश को इस इंडस्ट्री में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसमें निवेशकों को कई तरह से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। नीति में इसका पूरा उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार कैपिटल सब्सिडी के तहत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सब्सिडी का 50 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा।
लखनऊ।
योगी सरकार ने हाल ही में यूपी सेमीकंडक्टर नीति 2024 को मंजूरी देकर उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। इस नीति को लागू कर सीएम योगी ने प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग की रीढ़ कहे जाने वाले सेमीकंडक्टर्स के बड़े पैमाने पर निर्माण की राह काफी आसान कर दी है। इस नीति के तहत यूपी में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के इच्छुक निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी के साथ ही इंटरेस्ट सब्सिडी, लैंड सब्सिडी, स्टांप फीस और रजिस्ट्रेशन फीस के साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी भारी राहत दी गई है। यही नहीं, योगी सरकार यहां सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने वाली कंपनियों को कौशल और प्रशिक्षण के लिए भी सहायता देगी, जबकि अनुसंधान एवं विकास केंद्र के साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) स्थापित करने पर भी उन्हें राहत प्रदान की जाएगी। माना जा रहा है कि यूपी की सेमीकंडक्टर नीति भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रति इकाई अधिकतम 7 करोड़ रुपए तक मिलेगी इंटरेस्ट सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया की आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के तहत जारी सेमीकंडक्टर नीति प्रदेश और देश को इस इंडस्ट्री में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसमें निवेशकों को कई तरह से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। नीति में इसका पूरा उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार कैपिटल सब्सिडी के तहत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सब्सिडी का 50 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा। वहीं इंट्रेस्ट सब्सिडी के रूप में अनुसूचित बैंकों/वितीय संस्थानों से प्राप्त ऋण पर 200 करोड़ रुपए तक के निवेश वाली इकाइयों को 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष (ब्याज की दर पर), प्रति इकाई प्रति वर्ष अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक की जाएगी। प्रति इकाई अधिकतम 7 करोड़ रुपए तक की ही इंटरेस्ट सब्सिडी प्राप्त हो सकेगी। इसके साथ ही, भूमि की दर में भी छूट प्रदान की जाएगी। राज्य अभिकरणों से भूमि क्रय करने पर प्रथम 200 एकड़ भूमि के लिए प्रचलित सेक्टर दरों पर 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, जबकि इकाई अथवा सहायक इकाइयों के लिए भूमि के अतिरिक्त क्रय पर 30 प्रतिशत सब्सिडी की अनुमति होगी। इसके साथ ही स्टाम्प शुल्क और निबन्धन शुल्क के अंतर्गत भूमि की खरीद पट्टे पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।