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संभल जिला: चर्चा में क्यों?

46 साल से बंद मंदिर का खुलासा
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उत्तर प्रदेश का संभल जिला इन दिनों सुर्खियों में है। पहले जामा मस्जिद सर्वे को लेकर हलचल मची, फिर हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। इसके बाद पुलिस ने सख्त एक्शन लिया। इन सबके बीच एक चौंकाने वाली खबर आई कि 46 साल से दबे एक मंदिर का पता चला है।

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46 साल से बंद मंदिर का खुलासा


संभल के खग्गू सराय इलाके में 46 साल से बंद पड़े एक प्राचीन शिव मंदिर को हाल ही में खोला गया। जब दरवाजे खोले गए, तो भीतर हनुमान जी की मूर्ति और एक शिवलिंग स्थापित पाया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच उत्सुकता और उत्साह पैदा कर दिया।

कुएं की खुदाई और ऐतिहासिक खोज


मंदिर के पास बने एक कुएं की खुदाई के दौरान कई खंडित मूर्तियां और स्वास्तिक चिन्हित ईंटें मिलीं। अब तक 15 से 20 फीट की खुदाई हो चुकी है, और दावा किया जा रहा है कि कुएं में और भी ऐतिहासिक वस्तुएं छिपी हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने इन वस्तुओं की कार्बन डेटिंग से असली उम्र पता लगाने की मांग की है।

कौन-कौन सी मूर्तियां मिलीं?


मंदिर और कुएं की खुदाई में अब तक पार्वती, गणेश, और कार्तिकेय/लक्ष्मी जी की मूर्तियां मिली हैं। इन मूर्तियों के मिलने के बाद इलाके में पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन का दौर शुरू हो गया।

1978 के दंगों से जुड़ी कहानी
यह मंदिर 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद कर दिया गया था। इन दंगों को ‘फड़ कांड’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें भारी हिंसा हुई और हिंदू समुदाय को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद मंदिर और कुआं अतिक्रमण का शिकार हो गए।

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प्रशासन का हस्तक्षेप
पिछले दिनों प्रशासन ने मंदिर और कुएं को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए फिर से खोला। खुदाई के दौरान मूर्तियों के खंडित होने की आशंका को देखते हुए खुदाई फिलहाल रोक दी गई है। इस दौरान मंदिर में पूजा-पाठ शुरू हो चुका है, और स्थानीय हिंदू समुदाय में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ा। प्रयागराज महाकुंभ के एक कार्यक्रम में उन्होंने 46 साल पहले संभल में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “यह मंदिर हमारी चिरस्थायी विरासत और हमारे इतिहास की सच्चाई का प्रतीक है।”

कार्बन डेटिंग की तैयारी
संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर मंदिर और कुएं की वस्तुओं की कार्बन डेटिंग कराने की प्रक्रिया शुरू की है। इससे इस प्राचीन स्थल के ऐतिहासिक महत्व का पता चल सकेगा।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
मंदिर खुलने के बाद स्थानीय हिंदू समुदाय में उत्साह का माहौल है। पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन शुरू हो चुके हैं। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से मौके पर पुलिस बल भी तैनात है।

इतिहास की परतें खुलने की संभावना
कुएं और मंदिर से मिली वस्तुओं ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों की रुचि को बढ़ा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कार्बन डेटिंग और अन्य जांचों से इस स्थल के इतिहास का क्या खुलासा होता है।

संभल जिले की यह घटना न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। अब देखना होगा कि आगे की खुदाई और अध्ययन में और क्या-क्या राज़ सामने आते हैं।

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