गंगा का महत्व आस्था से जुड़ने के बाद और बढ़ जाता है जिसके लिए हम सबको लोगों में जागरूकता पैदा लानी होगी – जिलाधिकारी
नामामि गंगे के तहत गंगा के हितधारकों के साथ सर्किट हाउस सभागार में वाल एवं टेबुल कैलेंडर 2024 लांचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल तथा डा शामली सिंह परियोजना निदेशक सहित स्टेकहोल्डर्स उपस्थित रहे।
इस अवसर पर भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के डायरेक्टर जनरल सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी तरीके से कोई जल का महत्व कम नहीं कर सकता जल ही जीवन है चाहे वह गंगा का हो चाहे नर्मदा का चाहे सिंधु या वाशिंगटन डीसी का हो हम सभी जानते हैं। तेल का अल्टरनेटिव है डेटा का हो सकता है लेकिन पानी कहां से लाओगे। अगर पानी को नहीं बचाओगे उसे निर्मल नहीं रखोगे तो जीवन प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि मोर ड्राप पर क्राप तो हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं लेकिन हमें हर ड्राप को मानवता के कल्याण के लिए बचाना पड़ेगा और नामामि गंगे का उद्देश्य भी यही है। जितना तवज्जो गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए किया गया है इतना मानवता के इतिहास में किसी नदी के लिए नहीं किया गया होगा। इसका श्रेय आप जैसे बुद्धजनो को जाता है जिन्होंने अपना मन और प्राण इस दिशा में लगाया है। सरकारें पैसा खर्च कर सकती है सरकारे मनोभाव नहीं ला सकती हैं जहां मनोभाव जुड़ता है जन समागम जुड़ता है उसका महत्व बहुत बढ़ जाता है।
पिछले चार साल में हमारी छोटी सी टीम ने 500 स्कूलों को टच किया लगभग 22 से 24 हजार बच्चों को टच किया और साधु संतों से लेकर प्रशासन के अधिकारियों तक हमने हर जगह गंगा के मैसेज को पहुंचाने का छोटा सा प्रयास किया है। यह प्रयास और भी सफल होगा अगर इसमें जन साधारण जुड़ जाये।
जिलाधिकारी ने अपने संदेश में कहा कि गंगा नदी होने के साथ एक धार्मिक भावना भी जुड़ी है। हम गंगा की सफाई पर फोकस करते हैं इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करते हैं एसटीपी, ड्रेनेज टैपिंग आदि करते हैं । इसके साथ ही सस्टेनेबल्टी के लिए बहुत जरूरी है कि स्टेक होल्डर्स को आन बोर्ड लिया जाय। इसके लिए जागरूकता पैदा करना विशेष कर गंगा के किनारों पर रहने वाले निवासियों व जन सामान्य को गंगाजल निर्मलीकरण के साथ साथ जल संरक्षण के महत्व को बताना और व्यवहार में जीवन चर्या में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।