वाराणसी: वाराणसी में गंगा का जलस्तर चौथी बार बढ़ने लगा है, जिससे घाट किनारे रहने वाले लोगों के बीच डर और चिंता का माहौल है। बढ़ते जलस्तर के कारण घाटों पर पूजा-अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित और नाविक भी बेहद परेशान हैं। शुक्रवार सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 66.84 मीटर तक पहुंच गया है और यह 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से लगातार बढ़ रहा है।
नाविकों की बढ़ती मुश्किलें
अस्सी घाट पर नाव चलाने वाले आकाश निषाद ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के साथ ही नाविकों की परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। उन्हें लगातार अपनी नावों को सुरक्षित बांधने का काम करना पड़ता है ताकि बाढ़ में नाव बह न जाए। इसके साथ ही, नाविकों को रात में भी नावों की देखभाल के लिए घाट पर ही रहना पड़ता है, जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है।
पुरोहितों के लिए मुश्किलें
गंगा के बढ़ते जलस्तर से घाटों पर पूजा-अनुष्ठान कराने वाले पुरोहितों की आजीविका पर भी बुरा असर पड़ रहा है। घाटों के डूबने से गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई है, जिससे उनकी आय प्रभावित हो रही है। गंगा में बाढ़ के कारण एक घाट से दूसरे घाट तक का संपर्क भी टूट गया है, जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गुरुवार को गंगा का जलस्तर 66.74 मीटर दर्ज किया गया था, जो शुक्रवार सुबह 8 बजे 66.84 मीटर तक पहुंच गया। गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। अगर यह तेजी जारी रहती है, तो घाटों पर स्थित दुकानें फिर से बंद हो सकती हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों की चिंताएँ भी बढ़ रही हैं।