
भारत ने एक बार फिर अपने सख्त और निर्णायक रुख का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। देर रात करीब 1:30 बजे भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया, जिसकी निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के भीतर स्थित 9 बड़े आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया। यह कार्यवाही भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति बेहद स्पष्ट और कठोर है।
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर की योजना खुफिया एजेंसियों की विस्तृत रिपोर्ट और सामरिक विश्लेषणों पर आधारित थी। प्रधानमंत्री मोदी खुद रातभर इस पूरे अभियान पर नजर बनाए हुए थे और लगातार रक्षा मंत्रालय व सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में थे। इस अभूतपूर्व कार्रवाई में भारत ने हवाई हमलों के माध्यम से पाकिस्तान की सीमा के भीतर आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया। टारगेट किए गए क्षेत्रों में बहावलपुर और मुरीदके जैसे अहम इलाके शामिल थे, जो लंबे समय से भारत के लिए चिंता का विषय बने हुए थे।
बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय है, जो भारत में कई बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। वहीं, मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का गढ़ है, जो मुंबई 26/11 हमलों में संलिप्त था। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन में दोनों संगठनों के प्रमुख ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है। यह पहली बार है जब भारत ने इतने सटीक और व्यापक स्तर पर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है।
ऑपरेशन सिंदूर को सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त प्रयास के रूप में अंजाम दिया गया। इस कार्यवाही में अत्याधुनिक हथियारों और सटीकता से निशाना साधने वाली मिसाइलों का उपयोग किया गया। इसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करना नहीं, बल्कि पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश देना भी था कि भारत अब किसी भी तरह के उकसावे या हमले का जवाब तुरंत और दुगुनी ताकत से देगा।
यह ऑपरेशन ना केवल भारत की सैन्य क्षमताओं का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश की राजनीतिक नेतृत्व आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुद इसकी निगरानी करना इस बात का संकेत है कि भारत अब कूटनीति और रक्षा दोनों मोर्चों पर बराबर सक्रिय है।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता, नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यह ऐतिहासिक कार्रवाई आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को और अधिक दृढ़ बनाएगी।