कुएं में जहरीले गैस होने से मौत का बताया जा रहा है कारण
ग्रामीणों के सहयोग से घण्टों मशक्कत के बाद एनडीआरफ की टीम शव को कुएं से निकाला बाहर
वाराणसी जिले के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव में एक बड़ा हादसा हो गया।जहां गुरुवार की शाम 5 साल की बच्ची कुएं में गिर गई। उसे बचाने के लिए गांव के दो युवक भी कुएं में कूद गए। बचाने गए दोनों युवक भी बेहोश हो गए। गांव के लोगों ने कुएं में जहरीले गैस होने की आशंका जताई।
पुलिस की मदद से एनडीआरएफ बुलाई गई।घण्टों कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची समेत तीनों को बाहर निकाला गया। सभी बेहोश थे। बताया जा रहा है कि तीनों को चोट भी लगी है,और सांस नहीं चल रही।
वही गंभीर अवस्था में आनन-फानन तीनों को एम्बुलेंस मंगवाकर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने सबको मृत घोषित कर दिया। इसके बाद लोग तीनों के शव फिर से गांव लेकर आ गए। शव को घर के बाहर रखकर हंगामा शुरू कर दिया है।फिलहाल माहौल को देखते हुए 3 थानों की पुलिस गांव में तैनात कर दी गई है।
बताते हैं कि गुड़िया गांव में रहने वाले ऋषिकेश की दादी का निधन हो गया था। उनकी तेरहवी संस्कार था,जिसमें कई रिश्तेदार आए थे। प्रदीप उर्फ पकौड़ी की लगभग 5 साल की बेटी माही घर के बाहर खेल रही थी। शाम को करीब 6 बजे वह खेलते हुए कुएं में गिर गई। इस कुएं में पानी था,यही से घर में पानी भी लिया जाता था।
कुएं के पास 3-4 बच्चे और भी मौजूद थे। उन्होंने माही को गिरते हुए देख लिया। उन्होंने शोर मचाया। लोग दौड़ कर आए।
इस कुएं के सामने ऋषिकेश का घर है। वह कुएं पर आया और कुएं में सबमर्सिबल के पाइप के सहारे नीचे उतर गया। मगर वह 15 मिनट तक बाहर नहीं आया। इसके बाद मदद के लिए उसके मित्र रामकेश बिंद भी कुएं भी उतर गए। मगर वो भी बाहर नहीं आया। इसके बाद गांव के लोग आवाज देते रहे।
ग्रामीणों लोगों के मुताबिक,यह कुआं 100 फीट गहरा था। इसलिए अंदर कोई दिख नहीं रहा था। ऐसे पुलिस को कॉल किया गया। 7.30 बजे तक एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई और सबको एक-एक करके बाहर निकाला गया। वही 30 वर्षिय ऋषिकेश के सिर पर चोट लगी हुई थी। सबको एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचाया गया। मगर डॉक्टर ने बताया कि उनकी सांस थम चुकी है।वही प्राथमिक जांच में कुएं में जहरीली गैस की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही हैं जो घटना की प्रमुख कारण हो सकती है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पस्ट होगी।