प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस भव्य आयोजन में जहां श्रद्धालु अध्यात्म और आस्था के रंग में रंगने आएंगे, वहीं सुरक्षा एजेंसियां भी इसे पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए मुस्तैद हैं। खालिस्तानी आतंकी और मोस्ट वांटेड अपराधियों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के तहत हाई-टेक तैयारियां की जा रही हैं। मेला पुलिस ने इस दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सुरक्षा का नया कवच: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में संदिग्धों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। मेला पुलिस ने खालिस्तानी आतंकियों और मोस्ट वांटेड अपराधियों की तस्वीरें इस सिस्टम में अपलोड करने की योजना बनाई है। जैसे ही कोई संदिग्ध व्यक्ति मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगा, सिस्टम तुरंत उसकी पहचान करेगा और सायरन बजाकर अलर्ट देगा। इससे पुलिस तुरंत सतर्क होकर अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई करेगी।
खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकी के बाद बढ़ी सतर्कता
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से महाकुंभ को लेकर दी गई धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर महाकुंभ में अशांति फैलाने की धमकी दी थी। इसे देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने मेला पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, अन्य राज्यों की पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय कर संदिग्धों की सूची तैयार की जा रही है।
देशभर से मांगी गई संदिग्धों की सूची
मेला पुलिस ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों से खालिस्तानी और टॉप अपराधियों की सूची मांगी है। इन सूचियों में शामिल अपराधियों की तस्वीरें फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम में अपलोड की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी वांछित अपराधी मेला क्षेत्र में प्रवेश न कर सके।
सुरक्षा व्यवस्था के अन्य पहलू
महाकुंभ में सुरक्षा का स्तर इतना मजबूत किया जा रहा है कि एक संदिग्ध भी मेला क्षेत्र में प्रवेश न कर सके। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
- सीसीटीवी कैमरों की निगरानी
मेला क्षेत्र में हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा, जहां विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे निगरानी करेगी। इन कैमरों में फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक को भी जोड़ा गया है।
- ड्रोन की तैनाती
भीड़ वाले क्षेत्रों और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी। ड्रोन फुटेज को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर संदिग्धों की पहचान में मदद ली जाएगी।
- बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वारों पर चेकिंग
महाकुंभ के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर सघन चेकिंग की व्यवस्था की गई है। यहां मेटल डिटेक्टर और स्कैनर लगाए जाएंगे।
- विशेष पुलिस बल की तैनाती
महाकुंभ के दौरान स्पेशल पुलिस बल और एंटी-टेरर स्क्वॉड को तैनात किया जाएगा। इनकी तैनाती भीड़भाड़ वाले इलाकों और संवेदनशील जगहों पर की जाएगी।
धार्मिक आयोजन के लिए हाई-टेक सुरक्षा
महाकुंभ जैसा आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस बार की सुरक्षा तैयारियां पहले के मुकाबले ज्यादा आधुनिक और प्रभावी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करेगा कि लाखों की भीड़ में भी अपराधियों और संदिग्ध तत्वों पर नजर रखी जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए भी सख्त नियम
महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अपनी पहचान साथ लेकर चलनी होगी। प्रवेश के दौरान पहचान पत्र की जांच अनिवार्य की जाएगी। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने के लिए श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में हर पांच सौ मीटर पर पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी।
संदिग्धों पर नजर रखने का नया मॉडल
महाकुंभ में अपराधियों और संदिग्धों को पकड़ने के लिए मेला पुलिस ने एक नया मॉडल तैयार किया है। इसके तहत हर संदिग्ध की गतिविधियों को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा। यह मॉडल निम्नलिखित चरणों पर आधारित है:
- संदिग्धों की फोटो और विवरण को फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम में अपलोड करना।
- सिस्टम के जरिए किसी भी संदिग्ध की पहचान होते ही अलर्ट जारी करना।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष टीम तैयार करना।
महाकुंभ को सुरक्षित बनाना प्राथमिकता
महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है। इस विशाल जनसमूह की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती है, जिसे मेला पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से संभालने के लिए तैयार हैं।