


भारत पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि तिब्बत को जल्द ही स्वतंत्र देश की मान्यता मिल जाएगी। अमेरिकी संसद के निचले सदन में प्रस्ताव पास हो गया है और जल्द ही इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होंगे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बुधवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करेगा। अमेरिका के इस कदम से नाराज चीन ने कहा है कि अमेरिका को दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करना चाहिए। चीन का कहना है कि दलाई लामा धर्म की आड़ में चीन विरोधी अभियान चला रहे हैं।

चीन ने अमेरिका से तिब्बत के बारे में अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहने की अपील की है। दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि 14वें दलाई लामा केवल धार्मिक शख्सियत नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं, जो धर्म के आवरण में चीन विरोधी अलगाववादी अभियान चला रहे हैं।
दूतावास ने कहा कि अमेरिकी पक्ष को दलाई समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को समझना चाहिए, तिब्बत को लेकर चीन से की गई अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए और दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करना चाहिए। तिब्बत से जुड़े सभी मामले चीन के घरेलू मामले हैं।