काशी, जिसे विश्व की सांस्कृतिक राजधानी और शिव की नगरी कहा जाता है, यहां एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है। काशी के अन्नपूर्णा धाम मंदिर का शिखर स्वर्णमंडित होने जा रहा है। यह काशी का चौथा स्वर्ण मंदिर होगा, जहां शिखर को सोने से सजाया जाएगा। इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर, संत रविदास मंदिर और मार्कंडेय महादेव मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़ाई जा चुकी है। अन्नपूर्णा मंदिर का यह कार्य करीब 3.5 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।
अन्नपूर्णा धाम का महत्व
अन्नपूर्णा मंदिर काशी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। देवी अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना जाता है और उनकी पूजा से भक्तों को सुख-समृद्धि और भोजन की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि माता अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से काशीवासियों को कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। यही वजह है कि इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बेहद खास है।
14 फीट ऊंचे शिखर पर सोने की परत
अन्नपूर्णा धाम के 14 फीट ऊंचे शिखर को सोने की परत से सजाने का काम शुरू हो चुका है। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि शिखर को 4.5 किलोग्राम सोने से स्वर्णमंडित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस कार्य के पूरा होने के बाद अन्नपूर्णा धाम काशी का चौथा स्वर्ण मंदिर बन जाएगा।
स्वर्णमंडन कार्य की शुरुआत
मंदिर प्रबंधन समिति ने शिखर पर स्वर्णमंडन का कार्य विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शुरू किया है। कारीगरों की एक टीम इस काम को बारीकी और निपुणता से पूरा कर रही है। शिखर को सोने की परत से ढकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सोने की चमक बरकरार रहे और शिखर लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।
काशी के अन्य स्वर्ण मंदिर
अन्नपूर्णा धाम काशी का चौथा स्वर्ण मंदिर बनने जा रहा है। इससे पहले काशी में तीन प्रमुख मंदिरों के शिखर स्वर्णमंडित हो चुके हैं:
- काशी विश्वनाथ मंदिर: यह काशी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जिसका शिखर सोने से ढका हुआ है।
- संत रविदास मंदिर: यहां का शिखर भी स्वर्णमंडित है और इसका धार्मिक महत्व काफी बड़ा है।
- मार्कंडेय महादेव मंदिर: इस मंदिर का शिखर भी स्वर्णमंडित है और यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत पूजनीय है।
3.5 करोड़ रुपये का खर्च, दानदाताओं का योगदान
अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर को स्वर्णमंडित कराने का काम दानदाताओं और श्रद्धालुओं के सहयोग से किया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन समिति का कहना है कि सोने की खरीद से लेकर स्वर्णमंडन तक का सारा कार्य पारदर्शी तरीके से हो रहा है। कार्य की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है।
सोने का उपयोग और शिखर की सजावट
मंदिर के शिखर पर कुल 4.5 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया जा रहा है। कारीगरों का कहना है कि शिखर पर सोने की परत चढ़ाने का काम बहुत ही सावधानी और बारीकी से किया जा रहा है। सोने को विशेष रूप से तैयार किया गया है ताकि यह शिखर की संरचना के अनुरूप फिट हो सके और मौसम के प्रभाव से सुरक्षित रहे।
शिखर स्वर्णमंडन का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में मंदिरों के शिखर को सोने से सजाने का विशेष महत्व है। यह कार्य देवताओं के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है। सोने से मंदिर का शिखर सजाने का अर्थ है भगवान की महिमा का विस्तार और उनकी कृपा प्राप्त करना। काशी के अन्नपूर्णा मंदिर का स्वर्णमंडित शिखर भक्तों की आस्था को और मजबूत करेगा।
काशी की पहचान को मिलेगा नया आयाम
अन्नपूर्णा मंदिर के स्वर्णमंडित शिखर के बाद काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को एक नया आयाम मिलेगा। काशी पहले से ही अपने मंदिरों और धार्मिक महत्व के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है। अन्नपूर्णा मंदिर का यह स्वर्ण शिखर काशी की सुंदरता में चार चांद लगा देगा।
श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल
मंदिर के शिखर स्वर्णमंडन की खबर सुनकर श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचकर माता अन्नपूर्णा के दर्शन कर रहे हैं। श्रद्धालु इसे काशी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण मान रहे हैं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही स्वर्णमंडन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और भक्तों को इसका सौंदर्य देखने का मौका मिलेगा।