
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी के साथी सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर प्रतिक्रिया दी। रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को बाबर का समर्थक और गद्दार कहा था, जिस पर वीरेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा कि राणा सांगा एक वीर योद्धा थे जिन्होंने कई युद्धों में विजय प्राप्त की। उन्होंने आगे कहा कि राजपूत समाज राणा सांगा पर गर्व करता है।
भ्रांतियाँ फैलाने से बचें, असल मुद्दों पर ध्यान दें
वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को चाहिए कि वह इतिहास की बजाय असल मुद्दों पर चर्चा करें, जैसे देश की आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी, और आम आदमी की समस्याएं। उन्होंने भाजपा द्वारा शासकों की क्रूरता का हवाला देने को समाज में घृणा और विभाजन फैलाने का प्रयास करार दिया। वीरेंद्र सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर इतिहास को पलटने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो क्या हम उस समय की बात करेंगे, जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राजतिलक के लिए किसी समुदाय ने बाएं पैर से अंगूठा लगाया था?”
सपा ने रामजी लाल सुमन के बयान का नहीं किया समर्थन
वीरेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी ने रामजी लाल सुमन के बयान का समर्थन नहीं किया है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पार्टी नेता इतिहास को लेकर विवाद नहीं खड़ा करेगा।
मौजूदा परिस्थितियों पर बीजेपी की राजनीति होनी चाहिए
सपा सांसद ने भाजपा से आग्रह किया कि उनकी राजनीति केवल इतिहास तक सीमित न हो, बल्कि वह मौजूदा परिस्थितियों पर भी ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जो वादे किए थे, जैसे काला धन वापस लाना, 15 लाख रुपये देना और दो करोड़ रोजगार देना, वे सब पूरे नहीं हुए। भाजपा के शासनकाल में आम आदमी की स्थिति और खराब हुई है और समाज में असंतोष बढ़ा है।
राणा प्रताप पर राजपूत समाज का गर्व
वीरेंद्र सिंह ने राणा प्रताप की वीरता की भी सराहना की, जो राजपूत समाज के लिए गर्व का विषय हैं। उन्होंने कहा कि राणा प्रताप ने कभी किसी मुस्लिम शासक के सामने झुकने की बजाय अपने संघर्ष को जारी रखा। हल्दीघाटी की प्रसिद्ध लड़ाई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राणा प्रताप ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए घास की रोटी तक खाई और कभी अपने राष्ट्र के खिलाफ खड़े नहीं हुए।
बाबर पर मिश्रित राय
जब भाजपा द्वारा बाबर के बारे में उठाए गए सवालों पर वीरेंद्र सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बाबर के बारे में इतिहासकारों की मिश्रित राय है और यह एक बहस का विषय हो सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर बहस जरूरी नहीं है, क्योंकि यह विवाद सिर्फ भाजपा द्वारा उठाया जा रहा है ताकि वह असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा सके।
संभल में मस्जिद कमेटी के मुखिया की गिरफ्तारी पर बयान
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने संभल में मस्जिद कमेटी के मुखिया की गिरफ्तारी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे कानून व्यवस्था का मामला बताते हुए कहा कि यह भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह स्पष्ट करें कि आरोपी को क्यों गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत मामले की जांच और कार्रवाई होनी चाहिए और यह मामला अदालत में जाने के बाद ही स्पष्ट होगा।
समाजवादी पार्टी का दृष्टिकोण
वीरेंद्र सिंह ने अंत में यह स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार संविधान के तहत काम करेगी और किसी भी धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य संविधान के अनुसार न्याय और समानता सुनिश्चित करना है, न कि इतिहास के विवादों में उलझे रहना।
उन्होंने अंत में कहा, “हमारी पार्टी संविधान से चलती है, न कि इतिहास से. हम हमेशा न्याय, समानता और सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे। हमारी पार्टी का ध्यान हमेशा लोगों के कल्याण पर रहेगा, न कि राजनीतिक लाभ के लिए इतिहास की राजनीति पर।”
ब्यूरोचीफ गणपत राय