



वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू), रेल मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय, के संयुक्त प्रयास से शहर में सौंदर्यीकरण की दिशा में एक अभिनव पहल की जा रही है। इस परियोजना के तहत कुल 62 अद्वितीय स्कल्पचर शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 35 कलाकृतियां पहले ही स्थापित हो चुकी हैं, जबकि शेष 27 स्कल्पचर शीघ्र ही अपने निर्धारित स्थानों पर लगाए जाएंगे।


रीयूज़ और रीसायकल का संदेश
शहर की सड़कों, चौराहों तथा विभिन्न प्रमुख स्थानों पर इन स्कल्पचर के ज़रिए स्थानीय पहचान को कलात्मक स्वरूप दिया गया है। ये कलाकृतियाँ स्क्रैप से तैयार की गई हैं, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हैं बल्कि यह दिखाती हैं कि अनुपयोगी समझी जाने वाली वस्तुएं भी रचनात्मकता के साथ उपयोगी और खूबसूरत बन सकती हैं।
इन स्कल्पचर में महिला सशक्तिकरण, योग, खेल, मिलेट्स, हस्तशिल्प, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों को समाहित किया गया है। हर मूर्ति अपने स्थान विशेष के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है, जिससे पर्यटक उस क्षेत्र की विशेषता को बिना किसी गाइड के भी समझ सकते हैं।
स्थानीय संस्कृति की झलक और भविष्य की योजनाएँ
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग द्वारा बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत शहर के 62 स्थलों पर स्टोन, फाइबर और मेटल से बनी कलाकृतियाँ लगाई जा रही हैं। इनमें से 27 स्थानों पर जल्द ही स्कल्पचर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही लैंडस्केपिंग, हरियाली, और रात्रि प्रकाश व्यवस्था जैसे सौंदर्यीकरण के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
प्रमुख स्थानों पर स्थापित कुछ उल्लेखनीय स्कल्पचर:
1-ट्रांस्फॉर्टिमेंटिव आर्ट ऑफ़ वोडेन टॉय -एयरपोर्ट के अंदर
2-पीकॉक -एयरपोर्ट परिसर
3-कत्थक नृत्यं -एयरपोर्ट क्रासिंग
4-तेजस -एयरपोर्ट क्रासिंग
5-बॉक्सिंग, क्रिकेट, जवलिंग थ्रो -हरहुआ चौराहा
6-बोधि वृक्ष -संदहा चौराहा, अटल चौक
7-अग्नि स्तंभ आसन -भोजूबीर चौराहा
8-वाराणसी के घाट-सर्किट हाउस
9-ग्लोबल वाराणसी -सर्किट हाउस
10-सन फ्लावर्स -वीडीए परिसर
11-कारपेट वीवर -चौकाघाट
12-अभिकल्पना -निफ्टी ,नया कैंपस
13-रुद्राक्ष विथ हैंड -रुद्राक्ष कन्वेंशन सेण्टर
14-लायन -आज़मगढ़ ,रिंग रोड चौराहा
15-लायन -आज़मगढ़ रिंग रोड जंक्शन
16-मदर चाइल्ड -जिला महिला अस्पताल
17-मछलियां -बुद्धिस्ट पार्क के सामने, सारनाथ
18-डियर धर्मचक्र -गणपति तिराहा
19-ए ट्री फॉर इटरनल लाइफ -सारनाथ,धर्म पाल रोड
20-गुरु शिष्य परंपरा- सारनाथ चौराहा
21-गिरजाघर -लाल गिरजा के पास
22-शिलाकृति -रामनगर टेंगड़ा मोड
23-बच्चो का पानी में खेलना -बेनियाबाग़ पार्क
24-ज्ञान -सेंट्रल लाइब्रेरी ,बीएचयू
25-नव्य भारत -स्वतंत्रता भवन बीएचयू
26-इटर्नल जर्नी -संत रविदास संपर्क पार्क
27-क्रिकेटर -वाराणसी प्रयागराज जंक्शन, रिंग रोड
28-शीर्षासन-लहुराबीर चौराहा
29-वनस्पति – कैंट रेलवे स्टेशन
30-पैरा ओलंपिक -सिगरा स्टेडियम, एनसीओई ब्लॉक
31-योगा विद फोल्डेड हैंड्स -डॉ बीआर आंबेडकर चौराहा
32-बुल फाइटिंग -मंडुआडीह रोड
33-प्रभात वचन -सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
34-कार्पेट मेकर्स -ट्रेड फैसिलिटी सेंटर
35-बैठे नंदी -मैदागिन चौराहा
जल्द ही लगने वाले कुछ स्कल्पचर:
36-लस्सी वाला
37-योगआत्म दर्शन
38-भविष्य निर्माण की बाधाओं को दूर करना
39-नटराज एवं 8 इंडियन क्लासिकल नृत्यांगना
40-देश प्रेम
41-घाट पर साइबेरियन बर्ड्स
42-लट्टू हस्तशिल्पी के साथ
43-त्र्यम्बकं
44-नंदी
45-गुब्बारों और पतंग के साथ बच्चे
46-मिलेट्स
47-वी फॉर वाराणसी
48-जर्नी ऑफ़ दी फ्यूचर
49-गंगा घाट आरती
50-जर्नी ऑफ़ फ्यूचर
51-हॉर्नबिल ऑन कदम ट्री
52-टाइगर
53-कुस्ती
54-स्टील बाल
55-अश्व
56-स्टैंडिंग नंदी
57-तीरंदाज़ी ,हॉकी ,फूटबाल
58-कलाकृति
59-कीर्ति स्तम्भ
60-डियर
61-म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट
62-चंद्रयान
यह न केवल वाराणसी के सौंदर्य को निखार रही है, बल्कि शहर के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को भी उजागर कर रही है। इन स्कल्पचर के माध्यम से कबाड़ को कला का रूप देकर पुनः उपयोग में लाने की प्रेरणा मिल रही है, जो सतत विकास की दिशा में एक अहम कदम है।